समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 348 दर्ज किया गया जो 'बहुत खराब' की श्रेणी में आता है.
नई दिल्ली:
देश की राजधानी दिल्ली में बीती रात हुई हल्की-फुल्की बारिश से लोगों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली है. बारिश के बाद प्रदूषण के स्तर में मामूली सुधार देखने को मिला. अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में वायु की गुणवत्ता अभी तक 'गंभीर' श्रेणी में थी, जो कि बारिश की फुहारों के बाद 'बहुत खराब' में आ गई है. हालांकि, दिल्ली और एनसीआर को प्रदूषण से पूरी तरह से निजात अभी नहीं मिली है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 348 दर्ज किया गया जो 'बहुत खराब' की श्रेणी में आता है. इसमें बताया गया कि दिल्ली के 28 इलाकों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' दर्ज की गई जबकि तीन इलाकों में यह 'खराब' की श्रेणी में बनी रही. दीपावली पर पटाखे जलाने के चलते प्रदूषण बढ़ने के बाद से दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' से 'गंभीर' की श्रेणी के बीच झूल रही है. बुधवार को दिल्ली की हवा में अतिसूक्ष्म कणों- पीएम 2.5 का स्तर 202 और पीएम 10 का स्तर 327 दर्ज किया गया.
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बता दें, वायु गुणवत्ता सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को 'अच्छा', 51 से 100 तक 'संतोषजनक', 101 से 200 तक 'सामान्य', 201 से 300 के स्तर को 'खराब', 301 से 400 के स्तर को 'बहुत खराब' और 401 से 500 के स्तर को 'गंभीर' श्रेणी में रखा जाता है.
बारिश से हवा की प्रदूषक तत्वों को जकड़े रहने की क्षमता बढ़ जाने और इसके चलते प्रदूषण का स्तर बढ़ने की आशंकाओं के बीच अधिकारियों ने बताया कि हल्की बारिश से प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है. भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक बुधवार को पीएम 2.5 का संकेद्रण 'खराब श्रेणी' में बना रहेगा. संस्थान ने कहा, 'अगले दो दिनों में वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है लेकिन दिल्ली-एनसीआर में बृहस्पतिवार तक यह बहुत खराब श्रेणी में बनी रहेगी.'
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अर्बन एमिसन्स ने अनुमान जताया है कि बुधवार को प्रतिबंध हटने के बाद पीएम 2.5 से होने वाले प्रदूषण में सबसे बड़ी भूमिका ऊर्जा संयंत्रों एवं डीजल जनरेटरों की होगी जिनसे 19.6 प्रतिशत प्रदूषण होगा और इसके बाद 17.3 प्रतिशत प्रदूषण उद्योगों के उत्सर्जन से होगा. इसने अनुमान जताया है कि 15.9 प्रतिशत प्रदूषण घरेलू प्रदूषण के चलते होगा.
(इनपुट भाषा से)
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 348 दर्ज किया गया जो 'बहुत खराब' की श्रेणी में आता है. इसमें बताया गया कि दिल्ली के 28 इलाकों में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' दर्ज की गई जबकि तीन इलाकों में यह 'खराब' की श्रेणी में बनी रही. दीपावली पर पटाखे जलाने के चलते प्रदूषण बढ़ने के बाद से दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' से 'गंभीर' की श्रेणी के बीच झूल रही है. बुधवार को दिल्ली की हवा में अतिसूक्ष्म कणों- पीएम 2.5 का स्तर 202 और पीएम 10 का स्तर 327 दर्ज किया गया.
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बता दें, वायु गुणवत्ता सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को 'अच्छा', 51 से 100 तक 'संतोषजनक', 101 से 200 तक 'सामान्य', 201 से 300 के स्तर को 'खराब', 301 से 400 के स्तर को 'बहुत खराब' और 401 से 500 के स्तर को 'गंभीर' श्रेणी में रखा जाता है.
बारिश से हवा की प्रदूषक तत्वों को जकड़े रहने की क्षमता बढ़ जाने और इसके चलते प्रदूषण का स्तर बढ़ने की आशंकाओं के बीच अधिकारियों ने बताया कि हल्की बारिश से प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है. भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक बुधवार को पीएम 2.5 का संकेद्रण 'खराब श्रेणी' में बना रहेगा. संस्थान ने कहा, 'अगले दो दिनों में वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है लेकिन दिल्ली-एनसीआर में बृहस्पतिवार तक यह बहुत खराब श्रेणी में बनी रहेगी.'
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अर्बन एमिसन्स ने अनुमान जताया है कि बुधवार को प्रतिबंध हटने के बाद पीएम 2.5 से होने वाले प्रदूषण में सबसे बड़ी भूमिका ऊर्जा संयंत्रों एवं डीजल जनरेटरों की होगी जिनसे 19.6 प्रतिशत प्रदूषण होगा और इसके बाद 17.3 प्रतिशत प्रदूषण उद्योगों के उत्सर्जन से होगा. इसने अनुमान जताया है कि 15.9 प्रतिशत प्रदूषण घरेलू प्रदूषण के चलते होगा.
(इनपुट भाषा से)
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