पिछले दिनों कई स्थानों पर भीड़ द्वारा हत्याओं के मामले सामने आए थे (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
देश में भीड़ द्वारा की जा रही हत्याओं की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. कभी गौरक्षा तो कभी चोटी कटवा के नाम पर भीड़ लोगों को अपना शिकार बना रही है. इनके खिलाफ आवाज भी उठ रही हैं. मानवाधिकार कार्यकर्ता और सिविल सोसाइटी के सदस्यों द्वारा ‘कारवां-ए-मोहब्बत’ यात्रा शुरू की गई है. इस यात्रा का उद्देश्य भीड़ द्वारा बेरहमी से पीट पीट कर जान लेने की घटनाओं के पीड़ितों के प्रति अपनी एकजुटता दिखाना है.
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मानवाधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने बताया कि ‘कारवां-ए-मोहब्बत’ असम, बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से होकर गुजरेगी और यह यात्रा महात्मा गांधी की जन्मस्थली गुजरात के पोरबंदर में दो अक्तूबर को संपन्न होगी. यह यात्रा असम के नगांव से शुरू हई है जहां दो युवकों को गौरक्षकों ने कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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