
दिल्ली सरकार के बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी के नेतृत्व पर लगातार हमला बोल रहे दिल्ली सरकार के बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा को संभवत: पार्टी से निष्कासित नहीं किया जाएगा. आम आदमी पार्टी (आप) के सूत्रों ने बताया कि पार्टी से निकालने पर बागी विधायक को किसी अन्य पार्टी में शामिल होने या दिल्ली विधानसभा में अलग समूह बनाने का मौका मिल जाएगा और पार्टी ऐसा नहीं चाहती है. हालांकि सदन में आप के पास पूर्ण बहुमत है.
किसी समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्र रहे मिश्रा ने उन पर तथा आप के अन्य नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. आप ने मिश्रा के आरोपों से इनकार करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था.
अब तक पार्टी ने पांच विधायकों- कपिल मिश्रा, देवेंद्र सेहरावत, अमानतुल्लाह खान और पूर्व मंत्री असीम अहमद खान तथा संदीप कुमार को निलंबित किया है. इनमें से किसी को भी पार्टी से निकाला नहीं गया है. पांच विधायकों में से ओखला विधायक अमानतुल्लाह खान को छोड़कर बाकी सभी ने वर्ष 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप की शानदार जीत के बाद पार्टी नेतृत्व का विरोध किया था.
तिमारपुर से पार्टी के विधायक पंकज पुष्कर जो निष्कासित आप नेता और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव के करीबी माने जाते हैं, उन्होंने भी नेतृत्व के खिलाफ अवाज उठाई थी, लेकिन उन पर भी कोई विशेष कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों से बाहर रखा जाता है.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'हमने अनुशासनहीनता के लिए उन्हें निलंबित किया और लोगों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया कि ये विधायक हमारे साथ नहीं हैं. लेकिन उन्हें निष्कासित करके हम उन्हें किसी और दल में शामिल होने या दिल्ली विधानसभा में कोई अलग समूह बनाने का मौका नहीं देना चाहते.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
किसी समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्र रहे मिश्रा ने उन पर तथा आप के अन्य नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. आप ने मिश्रा के आरोपों से इनकार करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था.
अब तक पार्टी ने पांच विधायकों- कपिल मिश्रा, देवेंद्र सेहरावत, अमानतुल्लाह खान और पूर्व मंत्री असीम अहमद खान तथा संदीप कुमार को निलंबित किया है. इनमें से किसी को भी पार्टी से निकाला नहीं गया है. पांच विधायकों में से ओखला विधायक अमानतुल्लाह खान को छोड़कर बाकी सभी ने वर्ष 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप की शानदार जीत के बाद पार्टी नेतृत्व का विरोध किया था.
तिमारपुर से पार्टी के विधायक पंकज पुष्कर जो निष्कासित आप नेता और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव के करीबी माने जाते हैं, उन्होंने भी नेतृत्व के खिलाफ अवाज उठाई थी, लेकिन उन पर भी कोई विशेष कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों से बाहर रखा जाता है.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'हमने अनुशासनहीनता के लिए उन्हें निलंबित किया और लोगों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया कि ये विधायक हमारे साथ नहीं हैं. लेकिन उन्हें निष्कासित करके हम उन्हें किसी और दल में शामिल होने या दिल्ली विधानसभा में कोई अलग समूह बनाने का मौका नहीं देना चाहते.'
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