
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के जेएनयू यानी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में गुरुवार को सात चेयरपर्सन और डीन बदले जाने का शिक्षकों और छात्रों ने विरोध किया. इन लोगों को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हाल में बनाए गए हाजिरी के नए नियमों का पालन नहीं करने पर हटाया गया है. सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज के चेयरपर्सन पद से हटाई गईं सुचेता महाजन ने कहा, "प्रोफेसरों को हटाने (चेयरपर्सन व डीन पद से) का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह कार्य इस तरह हुआ कि कार्यकारिणी समिति ने रातोंरात कुलपति को फैसला लेने की शक्ति प्रदान कर दी."
उन्होंने कहा, "जहां तक छात्रों की उपस्थिति को लेकर फैसला लेने का सवाल है तो हमने कभी नहीं कहा कि हम प्रशासन की नीति का अनुपालन नहीं करेंगे. लेकिन, हमारी मांग थी कि विभिन्न केंद्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस पर विचार किया जाना चाहिए. मास्टर कार्यक्रमों में जो लागू हो सकता है वह अन्य शोध पाठ्यक्रमों के लिए उपयुक्त नहीं है. कई तकनीकी मुद्दे हैं जिनको सुलझाने की जरूरत है."
जेएनयू की लापता छात्रा आई सामने, बोली - मैं अपनी मर्जी गई थी
दोपहर में संकाय केंद्र के पास एकत्र होकर विरोध में नारे लगाने वाले कुछ प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, ये फैसले समानता और सामाजिक न्याय के उन मूल्यों को समाप्त करने के मकसद से लिए गए हैं जो इस विश्वविद्यालय की आधारशिला हैं.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जुंटा) के सचिव सुधीर के. सुतार ने कहा, "यह संगठित योजना है जिसे रणनीतिक तरीके से लागू किया गया है. पहले छात्रों को दंडित किया गया. अब दूसरे चरण में दक्षिणपंथी ताकतों से मदभेद रखने और इसे व्यक्त करने वाले छात्रों को संदेश देने के लिए शिक्षकों को निशाना बनाया जा रहा है."
VIDEO : JNU में हाजिरी पर कुलपति का घेराव (इनपुट आईएएएनएस से)
उन्होंने कहा, "जहां तक छात्रों की उपस्थिति को लेकर फैसला लेने का सवाल है तो हमने कभी नहीं कहा कि हम प्रशासन की नीति का अनुपालन नहीं करेंगे. लेकिन, हमारी मांग थी कि विभिन्न केंद्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस पर विचार किया जाना चाहिए. मास्टर कार्यक्रमों में जो लागू हो सकता है वह अन्य शोध पाठ्यक्रमों के लिए उपयुक्त नहीं है. कई तकनीकी मुद्दे हैं जिनको सुलझाने की जरूरत है."
जेएनयू की लापता छात्रा आई सामने, बोली - मैं अपनी मर्जी गई थी
दोपहर में संकाय केंद्र के पास एकत्र होकर विरोध में नारे लगाने वाले कुछ प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, ये फैसले समानता और सामाजिक न्याय के उन मूल्यों को समाप्त करने के मकसद से लिए गए हैं जो इस विश्वविद्यालय की आधारशिला हैं.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जुंटा) के सचिव सुधीर के. सुतार ने कहा, "यह संगठित योजना है जिसे रणनीतिक तरीके से लागू किया गया है. पहले छात्रों को दंडित किया गया. अब दूसरे चरण में दक्षिणपंथी ताकतों से मदभेद रखने और इसे व्यक्त करने वाले छात्रों को संदेश देने के लिए शिक्षकों को निशाना बनाया जा रहा है."
VIDEO : JNU में हाजिरी पर कुलपति का घेराव (इनपुट आईएएएनएस से)