जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन और छात्र राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय की रैंकिंग में सुधार को लेकर प्रसन्न हैं. साथ ही छात्र समुदाय ने फेलोशिप और विश्वविद्यालय को मिलने वाले अन्य अनुदानों में देरी की आलोचना की है. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को रैंकिंग जारी की. उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जेएनयू को 'अफजल गुरु समर्थक नारेबाजी' के लिए नहीं बल्कि इसके शैक्षणिक साख के लिए अवार्ड मिला है.
नेशनल इंस्टीच्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के तहत देश में विश्वविद्यालय को दूसरा सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय घोषित किया गया है जबकि विगत वर्ष इसको तीसरा स्थान मिला था. हालांकि, एचआरडी मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय रैंकिंग में इस शैक्षणिक संस्थान को 'समग्र' श्रेणी में छठा स्थान मिला है.
जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार ने ट्वीट किया है, 'शैक्षणिक उत्कृष्टता पर अपने ध्यान केंद्रित करने के साथ जेएनयू का कद एक बार फिर बड़ा हुआ है. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पहले स्थान पर.' एक समारोह के दौरान कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगाए जाने के कारण एक साल से अधिक समय से विवादों के केंद्र में रहने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालय को पिछले महीने सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय के लिए विजिटर पुरस्कार भी दिया गया था.
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष मोहित पांडे ने बताया, 'हमें सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय में स्थान दिया गया है, लेकिन जब यूजीसी से राशि मिलने की बात होती है तो इसे हमेशा कम कर दिया जाता है. साथ ही फेलोशिप में भी देरी की जाती है, सीट भी कम कर दिया जाता है.' परिसर से एक छात्र के गायब हो जाने, शैक्षणिक नीतियों में सुधार, एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों में सीट की भारी कटौती और परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने सहित कई मुद्दों पर जेएनयू में छात्रों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति है.
(इनपुट भाषा से)
नेशनल इंस्टीच्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के तहत देश में विश्वविद्यालय को दूसरा सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय घोषित किया गया है जबकि विगत वर्ष इसको तीसरा स्थान मिला था. हालांकि, एचआरडी मंत्रालय द्वारा जारी राष्ट्रीय रैंकिंग में इस शैक्षणिक संस्थान को 'समग्र' श्रेणी में छठा स्थान मिला है.
जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार ने ट्वीट किया है, 'शैक्षणिक उत्कृष्टता पर अपने ध्यान केंद्रित करने के साथ जेएनयू का कद एक बार फिर बड़ा हुआ है. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पहले स्थान पर.' एक समारोह के दौरान कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगाए जाने के कारण एक साल से अधिक समय से विवादों के केंद्र में रहने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालय को पिछले महीने सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय के लिए विजिटर पुरस्कार भी दिया गया था.
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष मोहित पांडे ने बताया, 'हमें सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय में स्थान दिया गया है, लेकिन जब यूजीसी से राशि मिलने की बात होती है तो इसे हमेशा कम कर दिया जाता है. साथ ही फेलोशिप में भी देरी की जाती है, सीट भी कम कर दिया जाता है.' परिसर से एक छात्र के गायब हो जाने, शैक्षणिक नीतियों में सुधार, एमफिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों में सीट की भारी कटौती और परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने सहित कई मुद्दों पर जेएनयू में छात्रों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति है.
(इनपुट भाषा से)
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