जेएनयू छात्रों के संसद मार्च के दौरान कन्हैया कुमार
नई दिल्ली:
जेएनयू में 9 फरवरी की घटना पर जांच समिति की सिफारिशों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। प्रशासन ने जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद 21 छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। लेकिन अब दोषी छात्र इस पर सवाल उठा रहे हैं।
दिल्ली में जेएनयू के छात्रों ने फिर जुलूस निकाला और संसद मार्च किया। वो अपने ख़िलाफ़ इकतरफ़ा कार्रवाई का विरोध रहे हैं। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि उन्हें 9 फरवरी की घटना को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और प्रशासन ने 16 मार्च की शाम पांच बजे तक उन्हें अपनी सफाई देने को कहा है।
9 फरवरी की विवादित घटना को आरोपी एक दूसरे जेएनयू छात्र अनंत प्रकाश, जिनके नाम पर एफआईआर भी दर्ज़ है, ने एनडीटीवी को बताया कि कारण बताओ नोटिस में सिर्फ ये कहा गया है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी का अनुशासन तोड़ा था। लेकिन किस तरीके से और जांच समिति को जांच में उनके खिलाफ क्या सबूत मिले हैं उसका कोई ज़िक्र उसमें नहीं किया गया है।
दरअसल जेएनयू छात्र संघ जांच समिति पर ही सवाल खड़े कर रहा है। जेएनयूएसयू की उपाध्यक्ष, शाहला ने एनडीटीवी से कहा कि जांच समिति का गठन गलत तरीके से हुआ और आरक्षण विरोधी शिक्षकों को इसमें शामिल किया गया जबकि ज़्यादातर छात्र गरीब कमज़ोर तबके के हैं।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में पांच आरोपी छात्रों के निष्कासन की बात कही गई है...लेकिन प्रशासन ने ना ही इसकी पुष्टि की...और ना ही खंडन किया। अब जेएनयू शिक्षक संघ ने कहा है कि जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। संघ के अध्यक्ष अजय पटनायक ने एनडीटीवी से कहा, "हम मांग कर रहे हैं कि पार्दर्शिता के इस दौर में प्रशासन को जांच समिति कि रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिये। रिपोर्ट की एक कॉपी शिक्षक संघ को और एक कॉपी आरोपी छात्रों को भी दी जानी चाहिये।''
दिल्ली में जेएनयू के छात्रों ने फिर जुलूस निकाला और संसद मार्च किया। वो अपने ख़िलाफ़ इकतरफ़ा कार्रवाई का विरोध रहे हैं। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि उन्हें 9 फरवरी की घटना को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और प्रशासन ने 16 मार्च की शाम पांच बजे तक उन्हें अपनी सफाई देने को कहा है।
9 फरवरी की विवादित घटना को आरोपी एक दूसरे जेएनयू छात्र अनंत प्रकाश, जिनके नाम पर एफआईआर भी दर्ज़ है, ने एनडीटीवी को बताया कि कारण बताओ नोटिस में सिर्फ ये कहा गया है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी का अनुशासन तोड़ा था। लेकिन किस तरीके से और जांच समिति को जांच में उनके खिलाफ क्या सबूत मिले हैं उसका कोई ज़िक्र उसमें नहीं किया गया है।
दरअसल जेएनयू छात्र संघ जांच समिति पर ही सवाल खड़े कर रहा है। जेएनयूएसयू की उपाध्यक्ष, शाहला ने एनडीटीवी से कहा कि जांच समिति का गठन गलत तरीके से हुआ और आरक्षण विरोधी शिक्षकों को इसमें शामिल किया गया जबकि ज़्यादातर छात्र गरीब कमज़ोर तबके के हैं।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में पांच आरोपी छात्रों के निष्कासन की बात कही गई है...लेकिन प्रशासन ने ना ही इसकी पुष्टि की...और ना ही खंडन किया। अब जेएनयू शिक्षक संघ ने कहा है कि जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। संघ के अध्यक्ष अजय पटनायक ने एनडीटीवी से कहा, "हम मांग कर रहे हैं कि पार्दर्शिता के इस दौर में प्रशासन को जांच समिति कि रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिये। रिपोर्ट की एक कॉपी शिक्षक संघ को और एक कॉपी आरोपी छात्रों को भी दी जानी चाहिये।''
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
जेएनयू विवाद, जांच समिति, संसद मार्च, कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्या, JNU Row, Inquiry Panel, Parliament March, Kanhaiya Kumar, Umar Khalid, Anirban Bhattacharya