नई दिल्ली:
स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए दिल्ली सरकार ने सोमवार को सौर ऊर्जा से जुड़ी एक महत्वाकांक्षी नीति की घोषणा की। इसके तहत सौर उर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन और टैक्स में छूट दी जाएगी। इसके तहत सरकारी एवं सार्वजनिक संस्थानों के लिए अपनी छतों पर सौर पैनल लगाना अनिवार्य होगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की एक बैठक में सौर नीति को अंतिम रूप दिया गया। नीति का उद्देश्य दिल्ली को 2020 तक 1,000 मेगावाट बिजली के उत्पादन के जरिए 'सोलर सिटी' बनाना है और इसे 2025 तक बढ़ाकर 2,000 मेगावाट करना है।
सरकार ने कहा कि छतों पर दो मीटर की उंचाई तक सौर पैनल लगाने के लिए भवन उपनियमों में संशोधन किए गए।
केजरीवाल ने कहा, 'दिल्ली को सोलर सिटी बनाना हमारे 70 सूत्री एजेंडे में शामिल है। यह नीति बेहद प्रगतिशील है, जिससे स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।' उन्होंने कहा कि छतों पर सौर प्रणाली लगाने से सतत ऊर्जा, पर्यावरण संबंधी फायदे जैसे कई लाभ मिलते हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की एक बैठक में सौर नीति को अंतिम रूप दिया गया। नीति का उद्देश्य दिल्ली को 2020 तक 1,000 मेगावाट बिजली के उत्पादन के जरिए 'सोलर सिटी' बनाना है और इसे 2025 तक बढ़ाकर 2,000 मेगावाट करना है।
सरकार ने कहा कि छतों पर दो मीटर की उंचाई तक सौर पैनल लगाने के लिए भवन उपनियमों में संशोधन किए गए।
केजरीवाल ने कहा, 'दिल्ली को सोलर सिटी बनाना हमारे 70 सूत्री एजेंडे में शामिल है। यह नीति बेहद प्रगतिशील है, जिससे स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।' उन्होंने कहा कि छतों पर सौर प्रणाली लगाने से सतत ऊर्जा, पर्यावरण संबंधी फायदे जैसे कई लाभ मिलते हैं।
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