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This Article is From Dec 17, 2015

SRCC में गूगल CEO सुंदर पिचाई : गूगल मजेदार जगह। शुरू में लगता जैसे 'टॉफी की दुकान में एक बच्चे' जैसा हूं

SRCC में गूगल CEO सुंदर पिचाई : गूगल मजेदार जगह। शुरू में लगता जैसे 'टॉफी की दुकान में एक बच्चे' जैसा हूं
नई दिल्ली: गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई भारत में दो दिवसीय दौरे पर हैं। कल गूगल इंडिया के कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण घोषणाओं करने के बाद आज वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में छात्र-छात्राओं से रूबरू हो रहे हैं।

इस सेशन के कुछ अंश यहां पढ़ें:

- गूगल बहुत ही मजेदार जगह है। मैं जब वहां गया तब मैं किसी टॉफी की दुकान में एक बच्चे की तरह महसूस करता था। आप यहां वहां घूमिए और लोग गजब की चीजों पर काम कर रहे होते थे।

- गूगल में हम लोग हमेशा समस्याओं को सुलझाने के बारे में सोचते हैं। हम अक्सर ऐसे ही सवाल करते हैं कि क्या यह अरबों लोगों के लिए काम करेगा...?

-एक अच्छी बात भारत के बारे में यह है कि आप एक चाय की दुकान पर जाएं और  वहां भी आपको एक उद्यमी मिल जाता है। तो उद्यम की जो प्रवृत्ति है वह यहां पहले से ही है।

- हमारा  सर्वाधिक फोकस यह सुनिश्चित करना है कि हम भविष्य को ध्यान में रखते हुए लगातार इनोवेट करते रहे और प्रॉडक्ट बनाते रहें।

- मुझे लगता है कि हमारा (गूगल का) हमेशा काफी महत्वाकांक्षी मिशन रहा है।

- जोखिम लेना अच्छा होता है, अवसर तो आते जाते रहेंगे लेकिन फोकस बना रहना चाहिए।

- खुद को री-इन्वेंट करने के लिए लगातार अवसरों की तलाश करते रहें।

- आज की पीढ़ी जोखिम लेने से पहले की पीढ़ी के मुकाबले कम घबराती है।

गोविंदाचार्य ने पिचाई से किए कुछ सवाल

- तकनीक की दुनिया में सबकुछ बहुत तेजी से बदलता है। 80 के दशक में कंप्यूटर्स की बस शुरुआत हुई थी। 10 साल बाद इंटरनेट आया। फिर 10 साल बाद स्मार्टफोन आए। इससे आप देख सकते हैं कि कैसे चीजें बदल रही हैं।

- IIT खड़गपुर के दिनों में, कोई इंटरनेट नहीं था। मेरे अंकल यूएस गए हुए थे और मैं सेमी-कंडक्टर्स में रुचि रखता था। मैं स्कूल में कुछ खास अच्छा लड़का नहीं था।

- हम भारत को लेकर ज्यादा दिलचस्पी इसलिए भी रख रहे हैं क्योंकि यह  युवाओं का देश है और कई मामलों में ट्रेंड्स (चलन) की बात करें तो वे भारत से ही आएंगे।

- मुझे याद है जब मैंने काम करना शुरू किया तब लोग आइडियाज़ को डिस्कस करते और इन पर काम करते। यह एक प्रकार से कल्चर का ही हिस्सा है।

- मैं सॉसर (फुटबॉल) का फैन हूं। मैं क्रिकेट और सॉसर फॉलो करता हूं। 1986 में, इंडिया-ऑस्ट्रेलिया मैच में मैं स्टेडियम में था। मुझे बताया गया कि मैच ड्रॉ होने वाला है। मेरे पास यह मैच देखने का समय भी था।

- कई चीजों पर काम करना बाकी है। भविष्य में कई जबरदस्त चीजें आना बाकी है।

-मैंने अपना पहला फोन 1995 में लिया था, अब, मुझे लगता है कि मेरे पास 20 स्मार्टफोन हैं।
 

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