विज्ञापन
This Article is From Mar 28, 2018

मध्‍य प्रदेश की नागदा से क्यों नही सीखती दिल्‍ली

मध्यप्रदेश के नगर परिषद नागदा ने 40 हजार वर्ग फीट में फैले कूड़े के ढेर को हटाकर जैव विविधता पार्क में बनाकर सुर्खियों में आ गया है.

मध्‍य प्रदेश की नागदा से क्यों नही सीखती दिल्‍ली
मध्‍य प्रदेश के नागदा से 40 हजार वर्ग फीट में फैले कूड़े के ढेर को हटाया गया
नई दिल्ली: मध्‍य प्रदेश का नागदा जब कूड़े के पहाड़ को हटा सकता है, तो दिल्ली क्यों नहीं मध्यप्रदेश के नगर परिषद नागदा ने 40 हजार वर्ग फीट में फैले कूड़े के ढेर को हटाकर जैव विविधता पार्क में बनाकर सुर्खियों में आ गया है. मध्यप्रदेश के नागदा में अनूठे तरीके से कचरा प्रबंधन किया जाता है. 

घरों से या पब्लिक प्लेस से निकलने वाले कचरे का इस्तेमाल न सिर्फ शहर को खूबसूरत बनाने में इस्तेमाल हो रहा है बल्कि इससे बड़ी संख्या में लोगों का रोजगार भी जुड़ा है. जहां देश की राजधानी में कूड़े का पहाड़ ऊंचा होता जा रहा है. वहीं नागदा नगर पालिका ने अपने कूड़े के पहाड़ को खूबसूरत वेटलैंड में बदल कर जैव विविधता की नई तस्वीर खीच दी है. 
नागदा कस्बे में कहीं पर भी कूड़ा नजर नहीं आता. इसका इस्तेमाल खाद और लिक्विड का इस्तेमाल सिंचाई के काम आता है. दिल्ली की म्युनिसिपालिटी देश की बड़ी म्युनिसिपालिटी में से एक है जिसका अच्छा खासा बजट भी है लेकिन अफसोस जिस शहर से पीएम मोदी स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत करते हैं. 

दिन रात जल रहे कूड़े से लाखों लोग बीमार पड़ रहे हैं वो नागदा नगर पालिका से काफी कुछ सीख सीखती है. नागदा कैसे अपने को कूड़े से मुक्त रखती है बल्कि कूड़े से लाखों रुपए कमाती है.  नागदा इंदौर से करीब पचास किमी दूर एक कस्बा है. जो अपने सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सुर्खियों में है. जबकि दिल्ली के तीन जगहों पर बने कूड़े के पहाड़ को हटाने के लिए नगर निगम, दिल्ली सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक लगी है लेकिन एनजीटी के निर्देश के बावजूद अब तक कूड़े के पहाड़ को नहीं हटाया जा सका है. जबकि नागदा जैसी छोटी नगर परिषद अपने रचनात्मक प्रयास से बेहतर कूड़ा निस्तारण कर रही है.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com