प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
दिल्ली के कंझावला में एटीएम से पैसे निकालने भारी पड़ रहे हैं. क्लोन कार्ड बनाकर इन एटीएम से करीब आधा दर्जन लोगों के लाखों रुपये निकाल लिए गए. एटीएम मशीन में क्लोन कार्ड की छोटी मशीन लगाकर लोगों के पैसे निकाल लिए गए. अब पुलिस और बैंक दोनों जिम्मेदारी से बच रहे हैं.
कंझावला के दो एटीएम से पैसे निकालने वालों को लाखों की चपत लग गई. संजय माथुर नामक शख्स ने इस एटीएम से चार दिन पहले अंतिम बार पैसा निकाला. उसी रात एटीएम कार्ड उनके पास होने के बावजूद किसी अन्य शख्स ने उनके अकाउंट से 70,000 रुपये निकाल लिए.
इसी तरह का वाकया महेंद्र पांडेय के साथ हुआ. उन्होंने इसी के बगल के एटीएम से पैसे निकाले थे. एटीएम कार्ड इनके पास होने के बावजूद इनके अकाउंट से पैसे निकालने का मैसेज आया. जब तक ये बैंक के हेल्पलाइन नंबर पर फोन मिलाते तब तक 30,000 रुपये निकल चुके थे. हमें इस तरह के आधा दर्जन लोग मिले, जिनके एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर लाखों रुपये निकाले गए. दरअसल इन दोनों एटीएम में सेक्युरिटी गार्ड की तैनाती नहीं है. जब हमने पड़ताल की तो पाया कि एटीएम मशीन से छेड़छाड़ भी की गई है.
साइबर क्राइम से जुड़े जानकार कहते हैं कि इन एटीएम मशीन में क्लोन डिवायस लगाकर दूसरा कार्ड बनाया गया, फिर उससे पैसे निकाले गए. साइबर क्राइम से जुड़े लोग बताते हैं कि सुनसान जगह पर बिना सेक्युरिटी गार्ड के एटीएम मशीन में कार्ड का क्लोन बनाने की मशीन लगी दी जाती है. जो लोगों के एटीएम कार्ड का डाटा हैक कर लेती है. फिर उसी डाटा को खाली एटीएम कार्ड में डालकर पैसा निकाल लिया जाता है.
कंझावला के दो एटीएम से पैसे निकालने वालों को लाखों की चपत लग गई. संजय माथुर नामक शख्स ने इस एटीएम से चार दिन पहले अंतिम बार पैसा निकाला. उसी रात एटीएम कार्ड उनके पास होने के बावजूद किसी अन्य शख्स ने उनके अकाउंट से 70,000 रुपये निकाल लिए.
इसी तरह का वाकया महेंद्र पांडेय के साथ हुआ. उन्होंने इसी के बगल के एटीएम से पैसे निकाले थे. एटीएम कार्ड इनके पास होने के बावजूद इनके अकाउंट से पैसे निकालने का मैसेज आया. जब तक ये बैंक के हेल्पलाइन नंबर पर फोन मिलाते तब तक 30,000 रुपये निकल चुके थे. हमें इस तरह के आधा दर्जन लोग मिले, जिनके एटीएम कार्ड का क्लोन बनाकर लाखों रुपये निकाले गए. दरअसल इन दोनों एटीएम में सेक्युरिटी गार्ड की तैनाती नहीं है. जब हमने पड़ताल की तो पाया कि एटीएम मशीन से छेड़छाड़ भी की गई है.
साइबर क्राइम से जुड़े जानकार कहते हैं कि इन एटीएम मशीन में क्लोन डिवायस लगाकर दूसरा कार्ड बनाया गया, फिर उससे पैसे निकाले गए. साइबर क्राइम से जुड़े लोग बताते हैं कि सुनसान जगह पर बिना सेक्युरिटी गार्ड के एटीएम मशीन में कार्ड का क्लोन बनाने की मशीन लगी दी जाती है. जो लोगों के एटीएम कार्ड का डाटा हैक कर लेती है. फिर उसी डाटा को खाली एटीएम कार्ड में डालकर पैसा निकाल लिया जाता है.
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