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This Article is From Dec 03, 2019

स्वाति मालीवाल का आमरण अनशन शुरू, बोली- चाहे जान चली जाए, मांग पूरी हुए बिना उठूंगी नहीं

एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा 'हम प्रधानमंत्री जी से मांग कर रहे हैं कि छोटे बच्चों के बलात्कारियों को या महिला से बलात्कार करने वाले को सख्त से सख्त सजा हो.'

स्वाति मालीवाल का आमरण अनशन शुरू, बोली- चाहे जान चली जाए, मांग पूरी हुए बिना उठूंगी नहीं
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल.
नई दिल्ली:

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल जय हिंद दिल्ली के जंतर मंतर पर आमरण अनशन पर बैठ गई हैं. मंगलवार सुबह उन्होंने पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर नमन किया और जंतर मंतर पर अपना आंदोलन शुरू कर दिया. स्वाति मालीवाल की मुख्य मांग है बलात्कारियों को 6 महीने के अंदर फांसी देने के कानून को लागू किया जाए और व्यवस्था को दुरुस्त और जिम्मेदार बनाया जाए.

एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा 'हम प्रधानमंत्री जी से मांग कर रहे हैं कि छोटे बच्चों के बलात्कारियों को या महिला से बलात्कार करने वाले को सख्त से सख्त सजा हो. देश में कानून हैं लेकिन लागू नहीं हो रहे. लागू इसलिए नहीं हो रहे क्योंकि ना तो पुलिस के संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं, ना ही पुलिस की जवाबदेही तय की जा रही है और ना ही फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाये जा रहे हैं. पिछली बार मैंने जब अनशन किया था तब मुझे आश्वासन दिया गया था लेकिन वह आज तक लागू नहीं हुआ. इसलिए इस बार जब तक अपनी आंखों के सामने लागू होता हुआ नहीं देखूंगी तब तक अनशन से नहीं उठूंगी चाहे जान चली जाए'

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स्वाति मालीवाल ने अनशन पर बैठने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी जिसमे मुख्यतः 6 मांग की गई हैं

- निर्भया के दोषियों को तुरंत फांसी दी जाए

- बलात्कारियों को 6 महीने में फांसी हो, इसके लिए सभी कानूनों में संशोधन कर केस के निर्वाहन व सभी अपील, मर्सी पेटिशन की समय सीमा कानून में 6 महीने की निर्धारित हो. जब तक कानून में समय सीमा का उल्लेख नहीं होगा तब तक कुछ नहीं बदलेगा.

- देश के सभी राज्यों की पुलिस को पर्याप्त पुलिसकर्मी दिए जाएं. गृह मंत्रालय तुरंत 66000 पुलिसकर्मी दिल्ली पुलिस को दे.

- देश में फास्ट ट्रैक कोर्ट की कमी है. पर्याप्त फास्ट ट्रैक कोर्ट बनें.

- निर्भया फण्ड राज्यों में बांटा जाए और महिला सुरक्षा के लिए जरूरी तंत्रों को मजबूत करने में इस्तेमाल किया जाए.

- पुलिस की जवाबदेही तय की जाए.

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