दिल्ली में एक आश्रयगृह की चार महिला कर्मियों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी.इस आश्रयगृह के कर्मचारियों ने कथित रूप से वहां रह रही लड़कियों का उत्पीड़न किया था.डीसीडब्ल्यू ने बताया कि गुरुवार को द्वारका के इस निजी आश्रयगृह की जांच के दौरान दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने पाया कि आश्रयगृह के कर्मचारी लड़कियों को नियम पालन नहीं करने पर बुरी तरह से दंडित करते हैं. कुछ लड़कियों ने आरोप लगाया कि महिलाकर्मी सजा के तौर पर उनके प्रावइेट पार्ट्स में मिर्ची का पाउडर डाल देती हैं.पुलिस ने बताया कि इस खुलासे के बाद चार महिला कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी.चारों महिला कर्मियों में से एक कल्याण अधिकारी, एक प्रभारी और दो अन्य कर्मचारी थीं. उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और जांच जारी है.
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दिल्ली के एक शेल्टर होम में लड़कियों से अत्याचार को लेकर दिल दहलाने वाली बातें सामने आई हैं. शेल्टर होम में रह रही लड़कियों को न सिर्फ प्रताड़ित किया गया, बल्कि उनके प्राइवेट पार्ट में मिर्च पाउडर डाले जाने की भी बात सामने आई है. दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में एक आश्रय गृह की लड़कियों को उसके कर्मचारियों द्वारा कथित रूप से दुर्व्यवहार (प्रताड़ना) किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने एक शिकायत दर्ज की. दिल्ली महिला आयोग के एक बयान में कहा गया है कि गुरुवार को दिल्ली में आश्रय गृहों के निरीक्षण के दौरान, डीसीडब्ल्यू के सदस्यों ने शेल्टर होम के अनुभवों को जानने के लिए 6-15 वर्ष की उम्र की लड़कियों के साथ बातचीत की.
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द्वारका में यह आश्रय गृह
दिल्ली के द्वारका इलाके में एक आश्रय गृह में कुछ बड़ी लड़कियों ने आरोप लगाया कि महिला कर्मचारियों ने सजा के तौर पर उनके निजी अंगों (प्राइवेट पार्ट) में मिर्च पाउडर डाला. यह भी कहा गया कि उन्हें मिर्च पाउडर खाने के लिए मजबूर किया गया था. यह भी कहा गया कि बच्चों की ओर से कोई भी गलत व्यवहार उनके लिए गंभीर सजा साबित होते हैं.दिल्ली महिला आयोग के बयान में यह भी कहा गया है कि शेल्टर होम में पर्याप्त स्टाफ न होने की वजह से किशोर लड़कियों को बर्तन-कपड़े धोने, कमरे की साफ-सफाई और शौचालय की सफाई और रसोई घर के अन्य काम करने के लिए भी मजबूर किया जाता था. बयान में कहा गया है कि 22 लड़कियों और कर्मचारियों के लिए शेल्टर होम में केवल एक रसोइया था और भोजन की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं थी.
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तराजू से पिटाई का मामला
यह भी कहा गया है कि किशोर लड़कियों ने शिकायत की कि उन्हें अपने कमरे को साफ नहीं रखने और कर्मचारियों की बात नहीं मानने के लिए तराजू से पीटा गया. उन्होंने कहा कि गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों के दौरान भी उन्हें घर जाने की अनुमति नहीं मिली थी.समिति के सदस्यों ने दिल्ली महिला आयोग प्रमुख स्वाति मालीवाल के साथ बच्चियों के इन आरोपों को साझा किया. इसके बाद स्वाति मालिवाल ने तुरंत द्वारका के डिप्टी कमिशनर ऑफ पुलिस को फोन किया. इसके बाद सीनियर पुलिस अधिकारियों को शेल्टर होम भेजा गया और इन्होंने बच्चियों के बयान दर्ज किए. दिल्ली पुलिस ने शेल्टर होम के स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
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