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अचानक शेल्‍टर होम्‍स का दौरा करने पहुंचे दिल्ली सरकार के मंत्री, हालत देखकर रह गए हैरान 

दिल्ली के शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने सराय काले खां में बने पांच रैन बसेरों का औचक निरीक्षण किया.  

अचानक शेल्‍टर होम्‍स का दौरा करने पहुंचे दिल्ली सरकार के मंत्री, हालत देखकर रह गए हैरान 
नई दिल्‍ली:

दिल्ली के शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने सराय काले खां में बने पांच रैन बसेरों का औचक निरीक्षण किया.  इस दौरान उन्होंने व्यवस्थाओं में खामियों की ओर इशारा करते हुए पिछली आम आदमी पार्टी सरकार पर एनजीओ के साथ मिलकर कथित अनियमितताओं का आरोप लगाया और जरूरत पड़ने पर सीबीआई जांच की भी बात कही. आप से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला. 

दिल्ली में सैकड़ों बेघर लोग आज भी गर्मी, सर्दी और बारिश में खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं. कुछ के लिए शेल्टर होम्स ने सिर पर छत मुहैया कराई है, लेकिन इन आश्रय गृहों की स्थिति अलग-अलग कहानियां बयां करती है. एनडीटीवी की ग्राउंड रिपोर्ट सराय काले खां और निजामुद्दीन के शेल्टर होम्स की स्थिति पर नजर डालती है. 

सराय काले खां के शेल्टर होम्स की तस्वीर

सराय काले खां में मंत्री सूद के दौरे के बाद कोई सरकारी अधिकारी मौजूद नहीं था, जिससे निवासियों को अपनी बात खुलकर रखने का मौका मिला. लोगों ने बताया कि यहां खाना (दोपहर 12 बजे और रात 9 बजे), बुजुर्गों के लिए दवाइयां, कूलर और पंखे जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं. लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं—बारिश में सामान भीग जाता है, जिसे हटाना पड़ता है, और जगह की कमी के कारण कुछ लोग बाहर सोने को मजबूर हैं. 

कई लोगों के लिए ये शेल्टर होम्स फुटपाथ पर जिंदगी से बेहतर हैं. कुछ निवासी, जो पहले सड़कों पर रहते थे, अब अपने परिवार के साथ यहां रहते हैं, जिससे उन्हें थोड़ी स्थिरता मिली है. पास ही बना एक मोहल्ला क्लीनिक बुखार और सिरदर्द जैसी छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज मुहैया कराता है, हालांकि यह रविवार को बंद रहता है. 

निजामुद्दीन का शेल्टर होम

निजामुद्दीन में बना शेल्टर होम अस्थायी नहीं, बल्कि पक्का बना है, जहां इस समय नवीनीकरण का काम चल रहा है. फिर भी, लोग यहां रह रहे हैं. केयरटेकर ने बताया कि सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन कुछ निवासियों, खासकर महिलाओं और बच्चों, ने गर्मी की शिकायत की. पास ही बना एक विशेष महिला शेल्टर होम भी है, जहां बुजुर्ग महिलाएं और युवतियां रहती हैं. 

बेघरों की संख्या और चुनौतियां

2011 की जनगणना के अनुसार, दिल्ली में बेघर लोगों की संख्या करीब 47 हजार है लेकिन इस क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाएं इसे 1.5 लाख से अधिक बताती हैं. सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट के संस्थापक सुनील कुमार आलेडिया ने कहा, 'दिल्ली में 82 स्थायी शेल्टर और 112 पोर्टा केबिन हैं; लेकिन खाने की गुणवत्ता ठीक नहीं है और चेक एंड बैलेंस की कमी है. ये लोग वोट बैंक नहीं हैं, इसलिए सरकार ज्यादा चिंता नहीं करती.' 

सरकार का दावा और भविष्य की योजना

मंत्री आशीष सूद ने कहा कि शेल्टर होम्स को लेकर शिकायतें मिल रही थीं, और उनकी संख्या बढ़ाने पर विचार चल रहा है. उन्होंने व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का भी वादा किया. 

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