प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार ने राजधानी में तम्बाकू, गुटखा, पान मसाला या कोई भी चबाने वाला तम्बाकू उत्पाद बेचने, रखने या बनाने पर अगले एक साल तक प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली के फूड सेफ्टी कमिश्नर ने इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है
13 अप्रैल के इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जनता के स्वास्थ्य के मद्देनजर जनहित में अगले एक साल के लिए यह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, लेकिन जब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से इस बारे में पूछ गया तो उन्होंने बताया कि "पिछले तम्बाकू बैन को लेकर सरकार ने जो नोटिफिकेश निकाला था ये केवल उसका एक्सटेंशन है क्योंकि नोटिफिकेशन का समय खत्म हो रहा था।
यानी सरकार के इस नोटिफिकेशन का कोई मतलब फिलहाल नहीं निकलता, क्योंकि इस तरह का नोटिफिकेशन तो मार्च 2015 में भी हुआ था, जिसे कई तंबाकू कंपनियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि दिल्ली सरकार नहीं बल्कि सेंट्रल एक्ट के तहत ये अधिकार केंद्र को है।
जिसके बाद इस पर हाईकोर्ट ने किसी भी एक्शन पर रोक लगा दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट में मामला चल रहा है और अगली तारीख जुलाई में है। अंतरिम रोक भी बरकरार है। ऐसे में यह सिर्फ पिछले साल जारी हुए नोटिफिकेशन का एक साल का और एक्सटेंशन है।
यह पूछे जाने पर कि क्या ये नोटिफिकेशन सरकार की और से कागजी कार्रवाई है सत्येंद्र जैन बोले, "वो आप जो मर्ज़ी चाहें शब्द इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन हम कोर्ट के आदेश का पूरा सम्मान करते हैं।"
13 अप्रैल के इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जनता के स्वास्थ्य के मद्देनजर जनहित में अगले एक साल के लिए यह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, लेकिन जब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से इस बारे में पूछ गया तो उन्होंने बताया कि "पिछले तम्बाकू बैन को लेकर सरकार ने जो नोटिफिकेश निकाला था ये केवल उसका एक्सटेंशन है क्योंकि नोटिफिकेशन का समय खत्म हो रहा था।
यानी सरकार के इस नोटिफिकेशन का कोई मतलब फिलहाल नहीं निकलता, क्योंकि इस तरह का नोटिफिकेशन तो मार्च 2015 में भी हुआ था, जिसे कई तंबाकू कंपनियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि दिल्ली सरकार नहीं बल्कि सेंट्रल एक्ट के तहत ये अधिकार केंद्र को है।
जिसके बाद इस पर हाईकोर्ट ने किसी भी एक्शन पर रोक लगा दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट में मामला चल रहा है और अगली तारीख जुलाई में है। अंतरिम रोक भी बरकरार है। ऐसे में यह सिर्फ पिछले साल जारी हुए नोटिफिकेशन का एक साल का और एक्सटेंशन है।
यह पूछे जाने पर कि क्या ये नोटिफिकेशन सरकार की और से कागजी कार्रवाई है सत्येंद्र जैन बोले, "वो आप जो मर्ज़ी चाहें शब्द इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन हम कोर्ट के आदेश का पूरा सम्मान करते हैं।"
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं