दिल्ली में जंतर मंतर पर आंदोलनरत पूर्व सैनिक।
नई दिल्ली:
वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर पूर्व सैनिकों की पिछले 320 दिनों से जारी रिले भूख हड़ताल शुक्रवार को खत्म हो गई, लेकिन प्रदर्शन जारी रहेगा।
राम जेठमलानी ने किया अंतिम दम तक लड़ने का वादा
रिले भूख हड़ताल खत्म करने की दो वजह खास रहीं एक तो सरकार का पूर्व सैनिकों पर यह दबाब कि आप पहले भूख हड़ताल खत्म करें ताकि बातचीत का बेहतर माहौल बने और दूसरा वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का आश्वासन कि वे जब तक जीवित रहेंगे पूर्व सैनिकों के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे। जेठमलानी अब सुप्रीम कोर्ट में पूर्व सैनिकों की लड़ाई ले जाएंगे। जेठमलानी ने यहां तक कहा कि 'मैं 93 साल का हूं और कभी भी मर सकता हूं, लेकिन यह तब तक नहीं होगा जब तक मैं आपको सुप्रीम कोर्ट से न्याय नही दिला दूंगा।'
हालांकि पिछले साल सितंबर में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि पूर्व सैनिकों के लिए सरकार ने चालीस साल पुरानी वन रैंक वन पेंशन की मांग मान ली है। इसके बावजूद रक्षा मंत्री के वादे पर जंतर मंतर पर आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों का कहना है कि सरकार ने उन्हें वह असली वाली वन रैंक वन पेंशन नहीं दी जिसका वादा संसद और खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।
...हमने बंदूक हटा ली
इंडियन एक्स सर्विसमेन मूवमेंट के चेयरमेन मेजर जनरल सतबीर सिंह ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि 'जब हमारी 14 मार्च को रक्षा मंत्री से मुलाकात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि हम आपकी समस्या को सुलझाएंगे पर पहले सर से बंदूक तो हटाइए, तो हमने बंदूक हटा ली।' जनरल सतबीर ने यह भी कहा कि 'अगर चार से छह हफ्ते के भीतर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम फिर से और बड़े स्तर पर देशभर में आंदोलन करेंगे।'
राम जेठमलानी ने किया अंतिम दम तक लड़ने का वादा
रिले भूख हड़ताल खत्म करने की दो वजह खास रहीं एक तो सरकार का पूर्व सैनिकों पर यह दबाब कि आप पहले भूख हड़ताल खत्म करें ताकि बातचीत का बेहतर माहौल बने और दूसरा वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का आश्वासन कि वे जब तक जीवित रहेंगे पूर्व सैनिकों के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे। जेठमलानी अब सुप्रीम कोर्ट में पूर्व सैनिकों की लड़ाई ले जाएंगे। जेठमलानी ने यहां तक कहा कि 'मैं 93 साल का हूं और कभी भी मर सकता हूं, लेकिन यह तब तक नहीं होगा जब तक मैं आपको सुप्रीम कोर्ट से न्याय नही दिला दूंगा।'
हालांकि पिछले साल सितंबर में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि पूर्व सैनिकों के लिए सरकार ने चालीस साल पुरानी वन रैंक वन पेंशन की मांग मान ली है। इसके बावजूद रक्षा मंत्री के वादे पर जंतर मंतर पर आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों का कहना है कि सरकार ने उन्हें वह असली वाली वन रैंक वन पेंशन नहीं दी जिसका वादा संसद और खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।
...हमने बंदूक हटा ली
इंडियन एक्स सर्विसमेन मूवमेंट के चेयरमेन मेजर जनरल सतबीर सिंह ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि 'जब हमारी 14 मार्च को रक्षा मंत्री से मुलाकात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि हम आपकी समस्या को सुलझाएंगे पर पहले सर से बंदूक तो हटाइए, तो हमने बंदूक हटा ली।' जनरल सतबीर ने यह भी कहा कि 'अगर चार से छह हफ्ते के भीतर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम फिर से और बड़े स्तर पर देशभर में आंदोलन करेंगे।'
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