दिल्ली के अस्पतालों में आइसोलेशन बेड्स की किल्लत के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने 3 और निजी अस्पतालों को कोरोना (Coronavirus) इलाज के लिए घोषित किया है. इनमें शालिमार बाग का फोर्टिस अस्पताल, रोहिणी का सरोज मेडिकल इंस्टीट्यूट और द्वारका स्थित खुशी हॉस्पिटल शामिल हैं. यानी अब दिल्ली में कुल मिलाकर 10 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना का इलाज हो सकता है. यह सब अस्पताल या तो दिल्ली सरकार के हैं या प्राइवेट हैं जबकि केंद्र सरकार के अस्पताल अलग हैं. इससे राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों के लिए 150 और बिस्तर उपलब्ध होंगे.
आदेश के अनुसार निजी अस्पतालों में ‘पृथक बिस्तरों की कमी' के कारण यह निर्णय लिया गया है. इन तीनों अस्पतालों में 50-50 पृथक बिस्तर होंगे. उनके चिकित्सा अधीक्षकों को सोमवार तक पृथक वार्ड को शुरू करने का निर्देश दिया गया है. 30 अप्रैल को दिल्ली की स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंगला ने महादुर्गा चैरेटिबल ट्रस्ट अस्पताल और सर गंगाराम सिटी अस्पताल को कोविड-अस्पताल घोषित किया था.
दिल्ली सरकार द्वारा अधिकृत अस्पताल
(सरकारी)
1. लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल ( 2000 बेड)
2. राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (500 बेड)
(प्राइवेट)
3. सर गंगा राम कोलमेट हॉस्पिटल (42 बेड)
4. इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल (50 बेड)
5. मैक्स हॉस्पिटल, साकेत (108 बेड)
6. महा दुर्गा चैरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल (100 बेड)
7. सर गंगाराम सिटी हॉस्पिटल (120 बेड)
(अब तीन और प्राइवेट हॉस्पिटल)
8. फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग (50 बेड)
9. सरोज मेडिकल इंस्टीट्यूट, रोहिणी (50 बेड)
10. खुशी हॉस्पिटल, द्वारका (50 बेड)
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कोरोना का इलाज मुफ्त है जबकि निजी अस्पतालों में मरीज को इलाज का खर्च खुद उठाना होगा.
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