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This Article is From Apr 27, 2020

कोरोना से जंग में अपने बच्चों को कुछ ऐसे दिलासा देकर ड्यूटी निभा रहे दिल्ली पुलिस के अधिकारी

कोरोना वायरस के खतरे से जहां स्वास्थ्य कर्मचारी अस्पताल के भीतर मुकाबला कर रहे हैं वहीं पुलिस कर्मी सड़कों पर लॉकडाउन का पालन कराने में जुटे हैं. इसके साथ ही पुलिस अधिकारी एक अभिभावक या एक पति या पत्नी की भूमिका निभाने की भी पूरी कोशिश कर रहे हैं.

कोरोना से जंग में अपने बच्चों को कुछ ऐसे दिलासा देकर ड्यूटी निभा रहे दिल्ली पुलिस के अधिकारी
Delhi Corona Updates: पुलिस कर्मी सड़कों पर लॉकडाउन का पालन कराने में जुटे हैं

Delhi Corona Updates: कोविड-19 महामारी से उपजी परिस्थितियों से अग्रिम मोर्चे पर मुकाबला कर रहे दिल्ली पुलिस के अधिकारी अपने बच्चों को तरह-तरह का दिलासा दे रहे हैं. कोई अपने बच्चों विश्वास दिला रहा है कि वह ‘कोरोना-कीड़े' से लड़ने जा रहा है तो कोई लॉकडाउन समाप्त होने पर खिलौने दिलाने का वादा कर रहा है. कोरोना वायरस के खतरे से जहां स्वास्थ्य कर्मचारी अस्पताल के भीतर मुकाबला कर रहे हैं वहीं पुलिस कर्मी सड़कों पर लॉकडाउन का पालन कराने में जुटे हैं. इसके साथ ही पुलिस अधिकारी एक अभिभावक या एक पति या पत्नी की भूमिका निभाने की भी पूरी कोशिश कर रहे हैं. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) (दक्षिण) परमिंदर सिंह का कहना है कि वह अपने बेटे की वस्तुओं से दूर रहते हैं क्योंकि उन्हें डर है कि अगर उन्हें संक्रमण हुआ तो उनके बेटे को भी हो सकता है. सिंह ने कहा, “जिंदगी कैसी हो सकती है जब आप कोरोना वायरस से घिरे हों? आप घर में कुछ जगहों पर नहीं जा सकते और बार-बार हाथ धोने के बावजूद आप कुछ चीजों को छू नहीं सकते. प्रतिदिन जब आप वर्दी पहनते हैं तो संक्रमित होने का डर रहता है.” सिंह के घर पर वृद्ध माता पिता भी हैं, इसलिए उन्हें सामाजिक नियमों का कड़ाई से पालन करना पड़ता है. उनकी पत्नी भी पुलिस अधिकारी हैं और इस समय मातृत्व अवकाश पर हैं. अतिरिक्त डीसीपी ने कहा, “वह बच्चे का ध्यान रखती हैं. इस समय ड्यूटी करने की कभी-कभी उनकी भी इच्छा होती है.”

डीसीपी (उत्तर) मोनिका भारद्वाज की परिस्थिति भी सिंह जैसी है. भारद्वाज ने बताया कि प्रतिदिन जब वह काम पर जाने के लिए तैयार होती हैं तो उनके जुड़वां बच्चे उदास हो जाते हैं. उन्होंने कहा, “प्रतिदिन मैं उनसे कहती हूं कि ‘मां कोरोना नाम के कीड़े को मारने जा रही है.' वे मुझे घर से बाहर न निकलने के लिए कहते हैं.” उन्होंने कहा, “मेरा प्रयास होता है कि बच्चे मुझे घर के भीतर आते समय न देखें. मैं या तो पीछे के दरवाजे से आती हूं या अपने पति से कहती हूं कि बच्चों को टीवी या मोबाइल में उलझाए रखें. मैं घर में आकर खुद को सैनिटाईज करने के बाद ही बच्चों से मिलती हूं.”

डीसीपी (उत्तर पश्चिम) विजयंत आर्य ने कहा कि उनके दोनों बेटे आए दिन उनसे नए खिलौने दिलाने की मांग करते हैं. आर्य ने कहा, “जब वे मुझसे पूछते हैं कि सारी दुकानें क्यों बंद हैं तब मैं उन्हें बताती हूं कि हमारे देश में कोरोना वायरस आ गया है इसलिए दुकानें बंद हैं. मैं लॉकडाउन समाप्त होने के बाद उन्हें खिलौने दिलाने का वादा करती हूं.” उन्होंने कहा, “फिर वे पूछते हैं कि जब सब कुछ बंद है तो आप और पापा बाहर क्यों जाते हैं. मैं उन्हें बताती हूं कि सब लोग अंदर रहें इसलिए पुलिस को बाहर जाना पड़ता है.” आर्य ने कहा कि बच्चे ज्यादा कुछ नहीं समझते सिवाय इसके कि जब हम काम से वापस आएं तो उन्हें हमसे कुछ दूरी बनाकर रखनी है. उनके पति और पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) देवेंद्र आर्य को एक सहकर्मी के संक्रमित होने के बाद 14 दिन तक घर में पृथक-वास में रहना पड़ा था. अब देवेंद्र आर्य भी ड्यूटी पर लौट आए हैं. विजयंत ने कहा कि जब देवेंद्र घर पर 14 दिन के लिए पृथक-वास में थे, तब वह अलग कमरे में रहते थे. उन्होंने कहा, “बच्चों में खुशी के साथ दुख भी था क्योंकि उनके पिता घर पर होकर भी उनसे न तो मिल सकते थे और न उनके साथ सो सकते थे. इसलिए मैं उनके साथ गिनती गिनने का खेल खेलती थी. हर रात सोने जाने से पहले बच्चों को कहना होता था नौ दिन और हैं, इसके बाद हम पापा के साथ सोएंगे.”

पुलिस उपायुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) वर्षा शर्मा के लिए परिस्थितियां थोड़ी आसान थीं क्योंकि उनके बच्चे बड़े हो चुके हैं. उनकी बेटी बीस साल की है और बेटा 17 साल का है. शर्मा ने कहा, “मैं उत्तरी रेंज में निषिद्ध क्षेत्रों की जांच कर रही समिति की सदस्य हूं. मैं बच्चों से मिलने से पहले एक घंटे बालकनी में खड़ी रहती हूं.” शर्मा ने बताया कि घर आकर वह अपने कपड़े धोती हैं और नहाती हैं.

डीसीपी (मध्य) संजय भाटिया ने कहा कि 18 और 19 साल के उनके बच्चे पिज्जा और बर्गर खाने की जिद करते हैं. उन्होंने कहा, “मेरा बेटा अमेरिका में पढ़ रहा था और कोरोना वायरस फैलने के बाद हमने उसे वापस बुला लिया. मेरी बेटी की बोर्ड की परीक्षा समाप्त हो चुकी है.”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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