- दिल्ली के लाल किला इलाके में हुए कार ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए हैं
- पुलिस ने पुलवामा के तीन संदिग्धों तारिक अहमद मलिक, आमिर राशिद और उमर राशिद को हिरासत में लिया है
- जांच में पता चला है कि ब्लास्ट में इस्तेमाल कार कई बार बेची गई और अंतिम मालिक डॉक्टर उमर मोहम्मद था
दिल्ली के लाल किला इलाके में हुए कार ब्लास्ट ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी को दहला दिया है. अब तक इस आतंकी घटना में 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हैं. मामले में पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है. हिरासत में लिए गए तीनों संदिग्ध पुलवामा जिले के निवासी हैं: तारिक अहमद मलिक (एटीएम गार्ड), और सगे भाई आमिर राशिद और उमर राशिद। शुरुआती जांच में पता चला है कि ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई कार कई बार बेची गई थी और अंत में यह मुख्य संदिग्ध डॉक्टर उमर मोहम्मद तक पहुंची थी. वहीं, फरीदाबाद में जैश की महिला विंग की हेड डॉ. शहीना को भी गिरफ्तार किया गया है. यह भी अल फला यूनिवर्सिटी से पकड़े गए डॉ. आदिल और मुजम्मिल की सहयोगी है.
यह टेरर मॉड्यूल का खुलासा होने के बावजूद, दिल्ली पुलिस और जांच एजेंसियों के सामने कई अनसुलझे सवाल हैं, जिनका जवाब तलाशना बेहद ज़रूरी है.
ब्लास्ट के पीछे के अनसुलझे रहस्य
- विस्फोटक कैसे और कहां से लाया गया?
- इतनी भीड़-भाड़ वाली जगह पर विस्फोटक सामग्री को कैसे छिपाया गया और पुरानी दिल्ली तक पहुंचाया गया?
- हथियार और विस्फोटक सामग्री की आपूर्ति का स्रोत क्या था?
- फंडिंग का स्रोत क्या है?
- इस पूरे टेरर मॉड्यूल को आर्थिक सहायता कहां से मिल रही थी?
- असली मास्टरमाइंड कौन है?
- क्या धमाके के पीछे कोई बड़ा और अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन है?
- टारगेट भीड़ थी या कोई खास जगह?
- लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास भीड़ भरे इलाके को जानबूझकर निशाना बनाया गया था?
- क्या उमर मोहम्मद ने अकेले इस ब्लास्ट को अंजाम दिया या इसमें और भी लोग शामिल हैं?
- इस साजिश में जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के टेरर नेटवर्क की क्या भूमिका थी?
- क्या अल फला यूनिवर्सिटी (या अन्य) में और भी छात्र या डॉक्टर इस टेरर मॉड्यूल का हिस्सा हो सकते हैं?

धमाके के बाद एक गंभीर सवाल खुफिया अलर्ट के बावजूद हुई चूक पर भी उठ रहा है.
- खुफिया अलर्ट के बावजूद चूक कहां हुई?
- अगर खुफिया जानकारी थी, तो दिल्ली के इतने संवेदनशील और भीड़-भाड़ वाले इलाके में यह कार और विस्फोटक कैसे पहुंच गया?
- सुरक्षा व्यवस्था में कहां खामी रह गई?
संदिग्धों से पूछताछ जारी
हिरासत में लिए गए संदिग्धों से पुलिस पूछताछ कर रही है, जिससे इन अनसुलझे सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद है. तारिक अहमद मलिक और आमिर राशिद को श्रीनगर लाया गया है. उमर राशिद अभी भी पम्पोर पुलिस स्टेशन में है और उससे गहन पूछताछ जारी है.
जांच एजेंसियां गाड़ी के मालिकाना हक की पूरी चेन को खंगाल रही हैं और सीसीटीवी फुटेज की मदद से यह पता लगाया जा रहा है कि धमाके से पहले कार दिन भर कहां-कहां गई थी. आगे की जांच NIA को सौंप दी गई है, और जल्द ही इस बड़ी साजिश के पीछे के सभी चेहरे बेनकाब होने की उम्मीद है.
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