- दिल्ली की हवा का औसत AQI 385 पहुंच गया है जो बहुत खराब श्रेणी में माना जाता है और प्रदूषण बढ़ रहा है
- राजधानी के कई इलाकों में AQI 400 से ऊपर पहुंच गया है जिससे हवा गंभीर रूप से प्रदूषित हो गई है
- वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन दिल्ली प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान देते हैं जबकि पराली जलाने का योगदान कम है
दिल्ली की हवा आज फिर जहर से उगल रही है. राजधानी का औसत AQI 385 पर पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब' श्रेणी में आता है. सड़कों पर धुंध की चादर और सांसों में घुलता जहर बता रहा है कि प्रदूषण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा. कई इलाकों में हालात इतने बिगड़े हैं कि AQI 400 के पार जा चुका है, जो कि ‘गंभीर' स्तर है. ऐसे में दिल्लीवासियों के लिए खुली हवा अब खतरे का सौदा बन गई है. आज लगातार 15वें दिन दिल्ली का एक्यूआई 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया. बीते दिन यानी गुरुवारको एक्यूआई 377 दर्ज किया गया था और आने वाले सप्ताह में कोई राहत नहीं मिलने का अनुमान जताया गया है.

पिछले तीन दिनों का ट्रेंड
- 25 नवंबर: AQI 353
- 26 नवंबर: AQI 327
- 27 नवंबर: AQI 377
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आज यह बढ़कर 385 हो गया है, यानी हालात और बिगड़े हैं. आज के दिन दिल्ली के किन इलाकों में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, यहां जानिए-
| इलाका | एक्यूआई |
| जहांगीरपुरी | 420 |
| मुंडका | 437 |
| रोहिणी | 434 |
| नेहरू नगर | 426 |
| पंजाबी बाग | 417 |
| वजीरपुर | 416 |
| नरेला | 407 |
| ओखला | 407 |
| चांदनी चौक | 407 |
| पटपड़गंज | 407 |
दिल्ली में सांस लेना क्यों मुहाल
अभी आने वाले सप्ताह में AQI ‘बेहद खराब' श्रेणी में रह सकता है. सीपीसीबी मानकों के अनुसार 0 से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा', 51 से 100 ‘संतोषजनक', 100 से 200 ‘मध्यम', 201 से 300 ‘खराब', 301 से 400 ‘बहुत खराब' और 401 से 500 ‘गंभीर' माना जाता है. पुणे में स्थित भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान ने अनुमान जताया है कि गुरुवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन का योगदान 19.5 प्रतिशत रहा, इसके बाद पड़ोसी गाजियाबाद में 8.2 प्रतिशत और बागपत में 7.3 प्रतिशत है. पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का स्तर 0.7 प्रतिशत है.
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एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल
शुक्रवार यानी की आज के लिए, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन का योगदान 18.7 प्रतिशत और पराली जलाने का योगदान 1.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 24 और नौ डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया है. इस बीच, दिल्ली मेट्रो ने धूल से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए अपने निर्माण स्थलों पर 82 ‘एंटी-स्मॉग गन' तैनात की हैं.

प्रदूषण में बढ़ रही स्वास्थ्य दिक्कतें
दिल्ली-एनसीआर में 80 प्रतिशत से अधिक निवासियों ने प्रदूषित हवा के कारण लगातार स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने की बात कही है, जिनमें पुरानी खांसी, थकान महसूस होना और श्वसन संबंधी समस्या शामिल हैं. स्माइटेन पल्सएआई सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ कि 68.3 प्रतिशत लोगों ने पिछले वर्ष विशेष रूप से प्रदूषण से संबंधित रोगों के लिए चिकित्सा सहायता मांगी. सर्वे में दावा किया गया है कि सर्वेक्षण में शामिल किये गए 76.4 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि वे घर से बाहर बहुत कम देर के लिए निकल रहे हैं, जिससे घर असल में जेल जैसे हो गए हैं क्योंकि परिवार जहरीली धुंध से बचने के लिए बाहर कम निकलते हैं.
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