दिल्ली के एलजी नजीब जंग (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) से जुड़े मामले की जांच के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा गठित किए गए गोपाल सुब्रह्मण्यम आयोग को अवैध और असंवैधानिक करार दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, एलजी नजीब जंग ने डीडीसीए मामले की जांच के लिए बने गोपाल सुब्रह्मण्यम आयोग के बारे में दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को जो खत भेजा है, उसमें लिखा गया है कि 'आयोग का गठन असंवैधानिक और गैरकानूनी है...।'
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पहली बार इस मामले पर अपना आधिकारिक पक्ष सामने रखा है। एलजी नजीब जंग ने चीफ सेक्रेटरी दिल्ली को जो ख़त भेजा है उसमे लिखा है कि चूंकि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल नहीं है राज्य सरकार के पास आयोग का गठन करने का अधिकार नहीं है, लिहाजा ये असंवैधानिक और गैर कानूनी है।
ख़त में लिखा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एलजी सचिवालय को जो संदेश दिया, उसे वे चीफ सेक्रेटरी के ज़रिये दिल्ली सरकार को बता रहे हैं।
वैसे केजरीवाल पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि केंद्र सरकार कुछ भी कहती रहे, यह आयोग अपना काम करता रहेगा, लेकिन जब केंद्र इस आयोग को अवैध मान रहा है तो इस आयोग को जांच में कौन सहयोग करेगा। क्या इस जांच की वैधता रहेगी। यह आयोग कैसे काम कर पाएगा, इससे जुड़े कई सवाल दिल्ली सरकार और गोपाल सुब्रह्मण्यम के सामने खड़े हैं।
लेकिन यहां यह भी याद रखना चाहिए कि सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच के लिए केजरीवाल सरकार ने जब जस्टिस एसएन अग्रवाल आयोग बनाया था, तो उसको केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया था। हालांकि जब मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा, तो कोर्ट ने आयोग के कामकाज पर कोई रोक नहीं लगाई थी और यह मामला आज भी कोर्ट में है।
मिली जानकारी के अनुसार, एलजी नजीब जंग ने डीडीसीए मामले की जांच के लिए बने गोपाल सुब्रह्मण्यम आयोग के बारे में दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को जो खत भेजा है, उसमें लिखा गया है कि 'आयोग का गठन असंवैधानिक और गैरकानूनी है...।'
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पहली बार इस मामले पर अपना आधिकारिक पक्ष सामने रखा है। एलजी नजीब जंग ने चीफ सेक्रेटरी दिल्ली को जो ख़त भेजा है उसमे लिखा है कि चूंकि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल नहीं है राज्य सरकार के पास आयोग का गठन करने का अधिकार नहीं है, लिहाजा ये असंवैधानिक और गैर कानूनी है।
ख़त में लिखा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एलजी सचिवालय को जो संदेश दिया, उसे वे चीफ सेक्रेटरी के ज़रिये दिल्ली सरकार को बता रहे हैं।
वैसे केजरीवाल पहले ही साफ़ कर चुके हैं कि केंद्र सरकार कुछ भी कहती रहे, यह आयोग अपना काम करता रहेगा, लेकिन जब केंद्र इस आयोग को अवैध मान रहा है तो इस आयोग को जांच में कौन सहयोग करेगा। क्या इस जांच की वैधता रहेगी। यह आयोग कैसे काम कर पाएगा, इससे जुड़े कई सवाल दिल्ली सरकार और गोपाल सुब्रह्मण्यम के सामने खड़े हैं।
लेकिन यहां यह भी याद रखना चाहिए कि सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच के लिए केजरीवाल सरकार ने जब जस्टिस एसएन अग्रवाल आयोग बनाया था, तो उसको केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया था। हालांकि जब मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा, तो कोर्ट ने आयोग के कामकाज पर कोई रोक नहीं लगाई थी और यह मामला आज भी कोर्ट में है।
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