स्वाति मालीवाल पर दिल्ली महिला आयोग में गैर-कानूनी तरीके से भर्ती करने का आरोप है
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी भले ही इन दिनों गोवा और पंजाब विधानसभा चुनावों में व्यस्त हो, लेकिन दिल्ली की मुश्किलें उसका पीछा नहीं छोड़ रही हैं. ताजा मामले में विवादों में चल रही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को अदालत से करारा झटका लगा है.
दिल्ली की एक अदालत ने स्वाति मालीवाल को आयोग में भर्ती में कथित अनियमितताओं के एक मामले में आरोपी के तौर पर पेश होने के लिए सम्मन भेजा है. अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को निर्देश दिया कि वह मामले की और जांच करे तथा इस अपराध में कथित तौर पर शामिल मालीवाल के सहयोगियों की पहचान करे.
विशेष न्यायाधीश हिमानी मल्होत्रा ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत मालीवाल के खिलाफ अपराध का संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त सामग्री और सबूत हैं. अदालत ने उन्हें छह फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया है.
अदालत ने कहा कि जांच में मालीवाल के उन सहयोगियों की पहचान नहीं की गई है जिनकी मिलीभगत से अवैध तरीके अपनाए गए. अदालत ने पुलिस को भी निर्देश दिया कि वह उनकी भूमिका की छानबीन करे और उनके खिलाफ अनुपूरक आरोप-पत्र दाखिल करे.
न्यायाधीश ने कहा, 'प्राथमिकी, गवाहों के बयान और दस्तावेजों सहित इस अदालत के समक्ष रखी गईं सामग्रियों का गहनतापूर्वक परीक्षण करने के बाद मेरा विचार है कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13-1-डी और 13-2 के तहत अपराधों का संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त सामग्री और सबूत हैं.'
अदालत ने कहा, 'बहरहाल, रिकॉर्ड पर लाई गई सामग्रियों से ऐसा लगता है कि जांच में मालीवाल के उन सहयोगियों की पहचान नहीं की गई जिनकी मिलीभगत से अवैध तरीके अपनाए गए.'
दिल्ली महिला आयोग में 'आप' कार्यकर्ताओं की नियुक्ति में कथित अनियमितता के सिलसिले में 21 दिसंबर, 2016 को अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया गया था. एसीबी ने दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर जांच शुरू की थी. बरखा का आरोप था कि महिला आयोग में कई 'आप' कार्यकर्ताओं की नियुक्तियों मे अनियमितताएं हुई हैं. अपनी शिकायत के साथ उन्होंने 85 ऐसे लोगों के नामों की सूची भी दी थी.
(इनपुट भाषा से भी)
दिल्ली की एक अदालत ने स्वाति मालीवाल को आयोग में भर्ती में कथित अनियमितताओं के एक मामले में आरोपी के तौर पर पेश होने के लिए सम्मन भेजा है. अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) को निर्देश दिया कि वह मामले की और जांच करे तथा इस अपराध में कथित तौर पर शामिल मालीवाल के सहयोगियों की पहचान करे.
विशेष न्यायाधीश हिमानी मल्होत्रा ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत मालीवाल के खिलाफ अपराध का संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त सामग्री और सबूत हैं. अदालत ने उन्हें छह फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया है.
अदालत ने कहा कि जांच में मालीवाल के उन सहयोगियों की पहचान नहीं की गई है जिनकी मिलीभगत से अवैध तरीके अपनाए गए. अदालत ने पुलिस को भी निर्देश दिया कि वह उनकी भूमिका की छानबीन करे और उनके खिलाफ अनुपूरक आरोप-पत्र दाखिल करे.
न्यायाधीश ने कहा, 'प्राथमिकी, गवाहों के बयान और दस्तावेजों सहित इस अदालत के समक्ष रखी गईं सामग्रियों का गहनतापूर्वक परीक्षण करने के बाद मेरा विचार है कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13-1-डी और 13-2 के तहत अपराधों का संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त सामग्री और सबूत हैं.'
अदालत ने कहा, 'बहरहाल, रिकॉर्ड पर लाई गई सामग्रियों से ऐसा लगता है कि जांच में मालीवाल के उन सहयोगियों की पहचान नहीं की गई जिनकी मिलीभगत से अवैध तरीके अपनाए गए.'
दिल्ली महिला आयोग में 'आप' कार्यकर्ताओं की नियुक्ति में कथित अनियमितता के सिलसिले में 21 दिसंबर, 2016 को अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया गया था. एसीबी ने दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर जांच शुरू की थी. बरखा का आरोप था कि महिला आयोग में कई 'आप' कार्यकर्ताओं की नियुक्तियों मे अनियमितताएं हुई हैं. अपनी शिकायत के साथ उन्होंने 85 ऐसे लोगों के नामों की सूची भी दी थी.
(इनपुट भाषा से भी)
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