दिल्ली में अब उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री आतिशी के बीच लेटर वॉर शुरू हो गया है. एलजी के लिखे पत्र का मुख्यमंत्री ने जवाब दिया है. सीएम आतिशी ने एलजी को गंदी राजनीति नहीं करने की सलाह दी है. आतिशी ने कहा कि वो पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिखाए रास्ते पर ही सरकार चला रही है. मुख्यमंत्री आतिशी ने एलजी वीके सक्सेना के पत्र पर पलटवार करते हुए कहा कि आप (उपराज्यपाल) गंदी राजनीति करने के बदले प्रदेश की बेहतरी पर ध्यान दें.
एलजी के पत्र के जवाब में सीएम आतिशी ने कहा, "ये हमारे देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों का प्रमाण है कि सरकार के सभी निर्वाचित सदस्य वास्तव में अस्थायी हैं और अपने कार्यकाल की अवधि तक ही पद पर बने रहते हैं. सक्रिय लोकतंत्र की इस वास्तविकता को उजागर करने वाले किसी भी बयान पर आपके द्वारा आपत्ति जताए जाने से मुझे आश्चर्य हो रहा है. ये जानकर निराशा हुई कि आपका पत्र रचनात्मक सहयोग के बजाय आलोचना पर केंद्रित है. मेरा दृढ़ विश्वास है कि शासन को ओछी राजनीति से ऊपर रहना चाहिए और मैं आपसे इस भावना से हमारे साथ काम करने का आग्रह करती हूं."
आतिशी ने आगे लिखा, "दुर्भाग्य से, अनावश्यक हस्तक्षेपों द्वारा बार-बार पैदा की गई बाधाओं ने महत्वपूर्ण काम को धीमा कर दिया है. इसके बावजूद, पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली निर्वाचित सरकार अपने साढ़े नौ साल के कार्यकाल में पिछली सरकारों की तुलना में सामूहिक रूप से अधिक काम करने में सफल रही. मैं आपके कार्यालय से आदरपूर्वक अनुरोध करता हूं कि वो बाधाएं पैदा करने वाली भूमिका के बजाय एक सुविधाजनक भूमिका निभाए."
बता दें कि इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के हालिया बयान को लेकर सीएम आतिशी को चिट्ठी लिखी थी. इसमें एलजी ने केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने आतिशी को एक अस्थायी काम चलाऊ मुख्यमंत्री कहा है.
एलजी सक्सेना ने कहा कि मुझे बहुत आपत्तिजनक लगा और मैं इससे आहत हुआ. यह न केवल आपका अपमान था, बल्कि आपकी नियोक्ता महामहिम भारत की राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधि के रूप में, मेरा भी अपमान था.
वीके सक्सेना ने सोमवार को सीएम आतिशी को चिट्ठी लिखकर कहा, "सर्वप्रथम मैं आपको आगामी नववर्ष 2025 के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं. मेरी कामना है कि आप सदैव स्वस्थ रहें और प्रगति के पथ पर अग्रसर हों. आपको मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के अवसर पर भी मैंने आपको हृदय से बधाई और शुभकामनाएं दी थी और तब से अब तक की अवधि में, मैंने अपने ढाई साल के कार्यकाल में पहली बार मुख्यमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति को मुख्यमंत्री का काम करते देखा. जहां आपके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री के पास सरकार का एक भी विभाग नहीं था और न ही वह फाइलों पर हस्ताक्षर किया करते थे, वहीं आपने अनेक विभागों का दायित्व लेते हुए प्रशासन के विभिन्न मुद्दों पर काम करने का प्रयास किया. परंतु, कुछ दिन पूर्व आपके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा मीडिया में आपको सार्वजनिक रूप से एक अस्थायी काम चलाऊ मुख्यमंत्री घोषित किया जाना, मुझे बहुत आपत्तिजनक लगा और मैं इससे आहत हुआ. यह न केवल आपका अपमान था, बल्कि आपकी नियोक्ता महामहिम भारत की राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधि के रूप में, मेरा भी अपमान था. अस्थायी अथवा काम चलाऊ मुख्यमंत्री की जो सार्वजनिक व्याख्या केजरीवाल ने की, उसका कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है और यह बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा रचित संविधान में निहित लोकतांत्रिक भावना और मूल्यों की निंदनीय अवहेलना भी है."
उन्होंने लिखा, "यह सर्वविदित है कि आपको किन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री बनाया गया. पिछले दस सालों में यमुना की बदतर हालत हो या पीने के पानी की भयंकर कमी, कचरे के पहाड़ों का मुद्दा या औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, सड़कों और सीवर लाइन की दुर्दशा हो या स्वास्थ्य की चरमराती व्यवस्था, अनधिकृत कॉलोनियों में सुविधाओं का घोर अभाव हो या झुग्गी बस्तियों में नारकीय जीवन, एक मुख्यमंत्री द्वारा, जिसको अस्थायी और काम चलाऊ घोषित किया जा चुका हो, तीन-चार महीने में कुछ भी कर पाना कितना संभव है, यह सभी जानते हैं. इन क्षेत्रों में अपनी विफलताओं को आपके नेता ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार भी किया है, परंतु मुख्यमंत्री के रूप में अब इन सभी क्षेत्रों में विफलताओं की ज़िम्मेदारी आपकी ही मानी जाएंगी. जिस प्रकार से केजरीवाल द्वारा, आपकी उपस्थिति में, अनधिकृत रूप से वरिष्ठ नागरिकों एवं मुख्यमंत्री के नाम पर ही महिलाओं संबंधित योजना की हवाई घोषणाएं की जा रही हैं, इससे मुख्यमंत्री के पद तथा मंत्री परिषद की गरिमा भी धूमिल हुई है."
एलजी सक्सेना ने पत्र में आगे लिखा है, "हाल ही में, दिल्ली सरकार के दो विभागों द्वारा प्रेस में जारी सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा अस्तित्वहीन योजनाओं हेतु पंजीकरण कराए जाने के संबंध में लोगों को सावधान रहने को कहा गया है. यह घटना अभूतपूर्व है और आपके लिए निश्चय ही असहज करने वाला रहा होगा. हालांकि, मैं उन विभागीय अधिकारियों की सराहना भी करता हूं, जिन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जनहित में भ्रामक योजनाओं और उनके पंजीकरण के संबंध में सही तथ्यों को जनता के सामने पेश किया. इसी प्रकार केजरीवाल बिना किसी आधार या तथ्य के, आपके खिलाफ परिवहन विभाग तथा अन्य जांच एजेंसियों द्वारा जांच कर आपको जेल भेजने की बात सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं. यह असत्य तो है ही, ऐसे बयानों से यह भी इंगित होता है कि आपको अपने ही अधीन काम करने वाले विभागों के क्रियाकलापों की कोई खबर नहीं है. बल्कि आज तो अखबार के माध्यम से यह भी ज्ञात हुआ कि परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने स्वयं आपको लिखकर सूचित किया है कि न तो उनके अथवा सतर्कता विभाग की तरफ से ऐसी कोई कार्रवाई की जा रही है और न ही कभी ऐसा करने की बात हुई."
उन्होंने, केजरीवाल के बयानों को पूरी तरह से नकारते हुए उन्हें तथ्य विहीन और भ्रामक बताया है. उपराज्यपाल होने के नाते में इस स्तर के पब्लिक डिस्कोर्स से चिंतित हूं और साथ ही, मेरी सरकार की पूर्णकालिक मुख्यमंत्री को, अस्थायी मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तुत करने के संभाषण से आहत हूं. मैं आपके सफल एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं. मेरा यह पत्र आपको व्यक्तिगत तौर पर लिखा गया है, परन्तु आने वाले समय में इसे वर्तमान के परिपेक्ष्य को रेखांकित और रिकॉर्ड करता हुआ दस्तावेज़ माना जाए.
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