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This Article is From Sep 13, 2016

सिर्फ कागजों पर ही होते हैं दिल्ली में चिकनगुनिया की रोकथाम के उपाय...

सिर्फ कागजों पर ही होते हैं दिल्ली में चिकनगुनिया की रोकथाम के उपाय...
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
नई दिल्‍ली: दिल्ली में चिकनगुनिया का बढ़ता असर देख कर प्रशासन ने मच्छर मारने की दवा के छिड़काव और साफ़ सफाई का काम और बड़े पैमाने पर करने का दावा किया. लेकिन दिल्ली के कई इलाकों के लोगों का कहना है कि ये दावे सिर्फ़ कागजों पर ही मौजूद हैं.

चिकनगुनिया से शहर के हालात बिगड़े हुए हैं. प्रश्नासन का दावा है कि दवा छिड़कने का काम ज़ोरो शोरों से किया जा रहा है, लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त इस दावे से अलग है. मजनू का टीला और त्रिलोकपुरी की जेजे कॉलोनी जैसे इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि उनके इलाकों में किसी तरह का कोई दवा छिड़काव या अन्य साफ़ सफ़ाई प्रशासन की ओर से नहीं की जाती.

झुग्गी झोपड़ियां और मध्य स्तरीय रिहायशी इलाके तो हमेशा से ही सरकारी अनदेखी की मार झेलते रहे हैं लेकिन इस साल दिल्ली के पॉश इलाके भी इस अनदेखी से बच नहीं पाये हैं. उन इलाक़ों के लोगों का कहना है कि दवा छिड़कने का काम यहां सिर्फ़ कागजों पर ही होता है.

दक्षिण दिल्ली की रहनेवाली मीनू गुप्ता का कहना है कि उनके इलाके में मच्छर मारने की दवा का छिड़काव करने कोई नहीं आता, इलाके के कई लोग बीमार भी हैं. चिकनगुनिया से अब तक दिल्ली में 4 मौतें हो चुकी हैं, 1000 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे हालात में सबसे ज़रूरी कदम मच्छर मारने की दवा के छिड़कने का ही सही ढंग से न होना हालात और ख़राब कर सकता है.

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