बुराड़ी में आत्महत्या करने वाले परिवार के 11 लोगों की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
बुराड़ी में एक परिवार के 11 सदस्यों की रहस्यमय तरीके से मौत के मामले में NDTV को कुछ एक्सक्लूसिव तस्वीरें हाथ लगी हैं. एक सीसीटीवी फ़ुटेज मिला है जिसमें भाटिया परिवार की दो महिलाएं घटना के दिन रात 10 बजकर 12 मिनट पर बाहर से स्टूलों और तारों को लाते देखा जा सकता है जिनका प्रयोग बाद में फांसी लगाने में किया गया. पुलिस ने 11 डायरियां बरामद की हैं जिनमें बीते 11 सालों में लिखा गया है. पुलिस ने कहा कि डायरियों में लिखी गई बातें कथित खुदकुशी से मेल खाती हैं.
बुराड़ी कांड : 11 मौतों का रहस्य सुलझा; वे बरगद की शाखाएं बने थे, जान गंवा बैठे
11 पाइप, रोशनदान में 11 एंग्ल के बाद पुलिस को कुल 11 रजिस्टर भी मिले हैं, जिनमें से 30 जून 2018 की आखिरी एंट्री इस घटना का राज़ खोलती है. डायरी में अंतिम एंट्री में एक पन्ने पर लिखा है 'घर का रास्ता. 9 लोग जाल में, बेबी (विधवा बहन) मंदिर के पास स्टूल पर, 10 बजे खाने का ऑर्डर, मां रोटी खिलाएगी, एक बजे क्रिया, शनिवार-रविवार रात के बीच होगी, मुंह में ठूंसा होगा गीला कपड़ा, हाथ बंधे होंगे.' इसमें आखिरी पंक्ति है- 'कप में पानी तैयार रखना, इसका रंग बदलेगा, मैं प्रकट होऊंगा और सबको बचाऊंगा.'
डायरी में 30 जून की अंतिम एंट्री ने खोला सामूहिक खुदकुशी का राज, जानिए क्या हुआ था आखिरी रात
परिवार के 11 लोगों का खुदकुशी का कोई इरादा नहीं था और वह ये सब तपस्या अपने अच्छे भविष्य के लिए कर रहे थे, लेकिन एक हादसे के तौर पर उनकी मौत हो गई. इसमें सिर्फ तीन लोगों भूपी, ललित और टीना के हाथ खुले हुए थे. यह परिवार बरगद की तपस्या करके अपने परिवार की खुशहाली के लिए यह पूजा कर रहा था जो 7 दिन से चल रही थी. ये पूजा एक आत्मा को खुश करने के चक्कर में 11 लोगों की जान चली गई.
डायरी के पन्नों में मरने से पहले की सारी वजह लिखी हुई है.
Burari case: जब उत्तर प्रदेश के अमेठी में मिले थे 11 शव, ये हैं दिल्ली के बुराड़ी जैसे तीन मामले
पुलिस ने बताया कि अभी तक कुल 11 रजिस्टर बरामद किए गए हैं. पिछले 11 साल से ललित के पिता उसके सपने में आ रहे थे. वह 2007 से, यानि 11 साल से अपने पिता की आवाज़ निकाल रहा था. परिवार के 11 सदस्यों के अलावा किसी को यह बात पता नहीं थी. पुलिस ने बताया कि घर में कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं मिला है, न ही कोई आध्यात्मिक पुस्तक मिली है. सिर्फ हनुमान चालीसा और गायंत्री मंत्र मिले हैं. घर में पूजा सात दिन से चल रही थी. खुदकुशी के लिए 9 लोगों ने 5 स्टूलों का इस्तेमाल किया था. छठा स्टूल प्रतिभा को इस्तेमाल करना था. प्रियंका को सेंटर में रखना था.
पुलिस के मुताबिक सब कुछ एक्सीडेंटल हुआ, क्योंकि रजिस्टर में लिखा था कि इस प्रक्रिया के बाद हाथ खोलने थे. जैसा कि रजिस्टर में लिखा है, उनका विश्वास था कि इस प्रक्रिया से उनकी शक्तियां बढ़ जाएंगी. प्रकिया के बाद सबको एक-दूसरे की हाथ खोलने में मदद करनी थी.
बुराड़ी कांड: 11 लोगों की मौत से एक घंटे पहले घर जाने वाले शख्स ने परिवार से की थी ये 'बात'
शनिवार रात को मंगाए गए रोटी का बिल.
पुलिस ने बताया कि रजिस्टरों में तीन से चार हैंडराइटिंग मिली हैं. रजिस्टर में ललित बोलता था और ज्यादातर प्रियंका लिखती थी. 24 जून से पूजा शुरू की गई थी. पुलिस ने बताया कि यह भाटिया नहीं थे, चुंडावत थे. प्रियंका की मम्मी ने भाटी से शादी की थी. वे ट्यूशन पढ़ाती थीं और बच्चे उन्हें भाटिया बोलते थे, इसलिए सब उन्हें भाटिया बोलने लगे, क्योंकि दिल्ली में भाटिया ज्यादा हैं. राजस्थान में पितृ आने की कई घटनाएं हुई हैं और यह भी वही लग रहा है. दोनों भाई और ललित की पत्नी टीना के हाथ खुले थे.
VIDEO : बुराड़ी में 11 मौतों का राज खुला
बता दें कि ललित को घर के लोग काका कहते थे और सपने में आने वाले उसके पिता को पूरा घर डैडी कहता था. ललित पूरे घर को धमकी देता था कि अगर ऐसा नही किया तो डैडी ऐसा कर देंगे. इस वजह से पूरा घर उसकी कोई बात नहीं टालता था. फांसी लगाने के लिए जिन चुन्नी और कपड़ों का इस्तेमाल हुआ वो भी टीना और उसकी मां उसी दिन दिन के समय पास के ही बाजार से लाये थे.
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11 पाइप, रोशनदान में 11 एंग्ल के बाद पुलिस को कुल 11 रजिस्टर भी मिले हैं, जिनमें से 30 जून 2018 की आखिरी एंट्री इस घटना का राज़ खोलती है. डायरी में अंतिम एंट्री में एक पन्ने पर लिखा है 'घर का रास्ता. 9 लोग जाल में, बेबी (विधवा बहन) मंदिर के पास स्टूल पर, 10 बजे खाने का ऑर्डर, मां रोटी खिलाएगी, एक बजे क्रिया, शनिवार-रविवार रात के बीच होगी, मुंह में ठूंसा होगा गीला कपड़ा, हाथ बंधे होंगे.' इसमें आखिरी पंक्ति है- 'कप में पानी तैयार रखना, इसका रंग बदलेगा, मैं प्रकट होऊंगा और सबको बचाऊंगा.'
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डायरी के पन्नों में मरने से पहले की सारी वजह लिखी हुई है.
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पुलिस ने बताया कि अभी तक कुल 11 रजिस्टर बरामद किए गए हैं. पिछले 11 साल से ललित के पिता उसके सपने में आ रहे थे. वह 2007 से, यानि 11 साल से अपने पिता की आवाज़ निकाल रहा था. परिवार के 11 सदस्यों के अलावा किसी को यह बात पता नहीं थी. पुलिस ने बताया कि घर में कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं मिला है, न ही कोई आध्यात्मिक पुस्तक मिली है. सिर्फ हनुमान चालीसा और गायंत्री मंत्र मिले हैं. घर में पूजा सात दिन से चल रही थी. खुदकुशी के लिए 9 लोगों ने 5 स्टूलों का इस्तेमाल किया था. छठा स्टूल प्रतिभा को इस्तेमाल करना था. प्रियंका को सेंटर में रखना था.
पुलिस के मुताबिक सब कुछ एक्सीडेंटल हुआ, क्योंकि रजिस्टर में लिखा था कि इस प्रक्रिया के बाद हाथ खोलने थे. जैसा कि रजिस्टर में लिखा है, उनका विश्वास था कि इस प्रक्रिया से उनकी शक्तियां बढ़ जाएंगी. प्रकिया के बाद सबको एक-दूसरे की हाथ खोलने में मदद करनी थी.
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बता दें कि ललित को घर के लोग काका कहते थे और सपने में आने वाले उसके पिता को पूरा घर डैडी कहता था. ललित पूरे घर को धमकी देता था कि अगर ऐसा नही किया तो डैडी ऐसा कर देंगे. इस वजह से पूरा घर उसकी कोई बात नहीं टालता था. फांसी लगाने के लिए जिन चुन्नी और कपड़ों का इस्तेमाल हुआ वो भी टीना और उसकी मां उसी दिन दिन के समय पास के ही बाजार से लाये थे.
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