
दिल्ली के आउटर नॉर्थ जिले की पुलिस ने संगठित अपराध पर बड़ी कार्रवाई करते हुए बढ़वार गैंग के मुखिया और कुख्यात गैंगस्टर मोहन सिंह उर्फ मोनू को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने उसे एमसीओसी एक्ट (MCOC Act) के तहत गिरफ्तार किया, जिससे उसके आपराधिक साम्राज्य को बड़ा झटका लगा है. इस कार्रवाई में पुलिस ने गैंग के आर्थिक नेटवर्क को भी खंगालना शुरू कर दिया है और अवैध संपत्तियों तथा वाहनों की पहचान कर रही है.
मोनू ने खड़ा किया संगठित अपराध का सिंडिकेट...
मोहन सिंह उर्फ मोनू ने अपने भाई संजय सिंह उर्फ सोनू के साथ मिलकर एक संगठित अपराध सिंडिकेट खड़ा किया था. इस गैंग ने डकैती, लूट, हत्या के प्रयास, रंगदारी और अवैध शराब तस्करी जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम दिया. इस गिरोह ने अपराधों से बड़ी संपत्ति अर्जित की थी, जिसे वे अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदकर छिपाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस जांच में अब तक 5 अचल संपत्तियों और 10 वाहनों की पहचान हो चुकी है, जिनमें कई चारपहिया और दुपहिया वाहन शामिल हैं।
स्पेशल टीम का ऑपरेशन
पुलिस को सूचना मिली थी कि मोहन सिंह किसी अज्ञात ठिकाने पर छिपा हुआ है. इसके बाद आउटर नॉर्थ जिले की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. पुलिस ने आरोपी पर धारा 82 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई शुरू की, जिससे कानूनी दबाव बढ़ा और आखिरकार 13 मार्च 2025 को आरोपी ने एसीपी स्वरूप नगर के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस ने उसके खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाकर औपचारिक रूप से उसे गिरफ्तार कर लिया.
गैंग के गिरफ्तार आरोपियों का प्रोफाइल
- मोहन सिंह @ मोनू (30 वर्ष), पिता का नाम अर्जुन सिंह, निवासी- गली नंबर 8, जीवन पार्क, गांव सिरासपुर, दिल्ली. मानू पर पहले से 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
- संजय सिंह @ सोनू (सगा भाई), पहले ही गिरफ्तार, न्यायिक हिरासत में. इस पर 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
- पंकज सिंह (मोनू का चचेरा भाई), पहले ही गिरफ्तार, न्यायिक हिरासत में. यह गैंग की अवैध संपत्तियों को बेचने में शामिल था.
गैंग पर पुलिस ने कसा शिकंजा, लगाई ये धाराएं
पुलिस ने धारा 111 बीएनएस और 112 बीएनएस के तहत भी कड़ी कार्रवाई की है, ताकि गैंग के अन्य सदस्य फिर से संगठित न हो सकें. ये धाराएं जुआ, अवैध शराब व्यापार, रंगदारी और झपटमारी जैसे अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करती हैं. दिल्ली पुलिस ने इस कार्रवाई से यह स्पष्ट कर दिया है कि संगठित अपराध में शामिल कोई भी अपराधी बच नहीं सकता। यह ऑपरेशन कानून व्यवस्था बनाए रखने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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