विज्ञापन

क्या केजरीवाल की मांग मान लेगा चुनाव आयोग, दिल्ली में क्या नवंबर में हो सकते हैं चुनाव?

दिल्ली में चुनाव कराने से पहले आयोग को कई तरह की तैयारियों को आखिरी रूप देना है. बताया जाता है कि किसी भी राज्य में चुनाव कराने से कुछ महीने पहले ही आयोग की अपनी तैयारियों को आखिरी रूप देना होता है. ऐसे में दिल्ली में एकाएक चुनाव कराना आयोग के लिए बड़ी चुनौती की तरह होगा.

सीएम केजरीवाल के इस्तीफे के बाद दिल्ली में जल्द चुनाव कराने की उठ रही है मांग

नई दिल्ली:

दिल्ली में सीएम केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के इस्तीफे के ऐलान के बाद अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या चुनाव आयोग देश की राजधानी में समय से पहले चुनाव कराएगा. इसे लेकर अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं. कुछ जानकारों का मानना है कि आयोग के पास ये अधिकार है कि वह हालात को देखते हुए इस तरह का कोई फैसला ले सकता है. जबकि कुछ लोग मानते हैं कि इस साल के अंत में देश के कई राज्यों में चुनाव होने हैं, ऐसे में इतने कम समय में दिल्ली में चुनाव करा पाना आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. 

Latest and Breaking News on NDTV

तो इस वजह से तुरंत संभव नहीं है दिल्ली में चुनाव 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में तुरंत चुनाव करा पाना, आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती की तरह है. कहा जा रहा है कि आयोग दिल्ली में अभी वोटर लिस्ट तैयार करने में जुटा है. इस काम को पूरा होने में कुछ और महीनों का समय लग सकता है. दरअसल, लोकसभा चुनाव के हुए पांच महीने हो चुके हैं. इस दौरान दिल्ली में हजारों वोटर्स के नाम को लिस्ट में शामिल किया जाना है. आयोग ने इसे लेकर स्पेशल समरी रीविजन की भी घोषणा भी की गई है. इसका काम भी अगले महीने से शुरू होना है. माना जा रहा है आयोग को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव के बाद झारखंड और महाराष्ट्र में भी चुनाव कराने हैं. झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव की तारीखों का ऐलान अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक हो सकता है और मतदान नवंबर में कराए जा सकते हैं. ऐसे में इतने कम समय में दिल्ली में चुनाव को करा पाना जरा मुश्किल मालूम पड़ रहा है.  

Latest and Breaking News on NDTV

चुनाव कराने से तीन-चार महीने पहले शुरू करनी पड़ती है तैयारी

जानकार मानते हैं कि किसी भी राज्य में एक तय समय पर चुनाव कराने के लिए आयोग को तीन से चार महीने पहले ही तैयारियों को आखिरी रूप देना शुरू करना पड़ता है. चुनाव कराने से पहले कई तरह की चीजों को तैयार किया जाता है. चाहे बात वोटर लिस्ट की हो या फिर नए मतदाताओं को जोड़ने की, आयोग हर लेवल पर अपनी सभी तैयारियों को दुरुस्त करने के बाद ही चुनाव की तारीखों का ऐलान करता है. दिल्ली में अभी इनमें से कई प्रक्रियाओं का काम बचा हुआ है. ऐसे में बगैर उन तैयारियों को पूरी किए चुनाव की तारीखों की घोषणा करना मुश्किल है. 

Latest and Breaking News on NDTV

क्या कहता है कानून 

अगर बात कानून की करें तो चुनाव आयोग चाहे तो महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही दिल्ली में भी चुनाव कराने की घोषणा कर सकता है. लेकिन पिछली बार दिल्ली में अलग से चुनाव हुए थे. ऐसे में दिल्ली में समय से पहले और महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही यहां भी चुनाव कराने के लिए आयोग के पास कोई खास कारण होना जरूरी है. 

CM केजरीवाल ने भी कही थी जल्दी चुनाव कराने की बात 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि वो सीएम का पद इसलिए छोड़ने जा रहे हैं क्योंकि अब हम जनता की अदालत में जा रहे हैं. अगर जनता को लगता है कि हम ईमानदार हैं तो वो हमें फिर सत्ता में वापस लेकर आएगी. केजरीवाल ने आगे कहा था कि मैं सीएम पद छोड़ रहा हूं और मैं चाहता हूं कि चुनाव आयोग यहां फिर से चुनाव कराए. और मुझे भरोसा है कि चुनाव में दिल्ली की जनता हमें एक बार फिर जीताकर ये साबित करेगी कि हम ईमानदार हैं. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
AAP विधायक दल की बैठक में मंगलवार को तय होगा दिल्ली का नया CM, शाम को LG से मिलेंगे केजरीवाल
क्या केजरीवाल की मांग मान लेगा चुनाव आयोग, दिल्ली में क्या नवंबर में हो सकते हैं चुनाव?
क्या कोई और भी था निशाने पर... ग्रेटर कैलाश हत्याकांड को लेकर दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा
Next Article
क्या कोई और भी था निशाने पर... ग्रेटर कैलाश हत्याकांड को लेकर दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com