दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के साथ इलियास आजमी (बाएं) का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी ने संस्थापक सदस्य और पूर्व सांसद इलियास आज़मी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया। यह खबर सुनकर इलियास आज़मी ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर खुलकर आरोप लगा डाले। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी और उसकी सरकार में पिछड़ों और मुसलमानों को क्या पद मिला, अगर लिस्ट निकाल कर देखी जाए, तो उनकी कलई खुल जाएगी। उन्होंने एनडीटीवी से कहा, जल्द दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका खुलासा किया जाएगा।
इलियास आज़मी ने कहा 'मुझे पता नहीं है कि मुझे आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारणी से हटा दिया है। मुझे तो किसी ने फ़ोन करके बताया है। बिरादरीवाद के खिलाफ पार्टी की नींव रखी गई थी। अब खुद अरविन्द केजरीवाल ने सरकार में अहम पोस्ट पर अपनी बिरादरी के लोगों को बैठा दिया है। वो खुलकर पार्टी में भी अपनी बिरादरी वालों को तरजीह दे रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि 'सरकार की कमिटियों में सिर्फ एक मुस्लिम को सरकारी वकील के पद से नवाज़ा गया है। उन्होंने कहा कि मुझे ये महसूस होने लगा था कि केजरीवाल मुलायम सिंह यादव से ज्यादा बिरादरीवाद फैला रहे हैं, इसलिए पार्टी की गतिविधियों में नहीं जाता था। मैंने एक व्यक्तिवाद के खिलाफ मायावती की पार्टी छोड़ी थी और अन्ना आंदोलन से इसलिए जुड़ा था, क्योंकि वहां एक व्यक्तिवाद नज़र नहीं आया था। मैंने मुस्लिम समुदाय की बातें पार्टी में रखनी शुरू की, लेकिन मेरी बातों का उन पर कोई असर नहीं हुआ।'
उधर, पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने इलियास आज़मी के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि पंजाब के चुनाव की वजह से पंजाब के लोगों को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
इलियास आज़मी ने कहा 'मुझे पता नहीं है कि मुझे आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारणी से हटा दिया है। मुझे तो किसी ने फ़ोन करके बताया है। बिरादरीवाद के खिलाफ पार्टी की नींव रखी गई थी। अब खुद अरविन्द केजरीवाल ने सरकार में अहम पोस्ट पर अपनी बिरादरी के लोगों को बैठा दिया है। वो खुलकर पार्टी में भी अपनी बिरादरी वालों को तरजीह दे रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि 'सरकार की कमिटियों में सिर्फ एक मुस्लिम को सरकारी वकील के पद से नवाज़ा गया है। उन्होंने कहा कि मुझे ये महसूस होने लगा था कि केजरीवाल मुलायम सिंह यादव से ज्यादा बिरादरीवाद फैला रहे हैं, इसलिए पार्टी की गतिविधियों में नहीं जाता था। मैंने एक व्यक्तिवाद के खिलाफ मायावती की पार्टी छोड़ी थी और अन्ना आंदोलन से इसलिए जुड़ा था, क्योंकि वहां एक व्यक्तिवाद नज़र नहीं आया था। मैंने मुस्लिम समुदाय की बातें पार्टी में रखनी शुरू की, लेकिन मेरी बातों का उन पर कोई असर नहीं हुआ।'
उधर, पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने इलियास आज़मी के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि पंजाब के चुनाव की वजह से पंजाब के लोगों को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
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