अग्निपथ योजना के खिलाफ देश भर में युवा सड़कों पर हैं. देश में कई जगह इस योजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन भी हुए . हालात की गंभीरता को समझते हुए कई राजनीतिक दल भी अब युवाओं के साथ खड़े नजर आने लगे हैं. दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) ने इस योजना को छात्र और युवा विरोधी बताया है. आप के सांसद संजय सिंह ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि ये सेना को सिक्योरिटी गार्ड ट्रेनिंग सेंटर बना रहे हैं. मैट्रिक इंटर करने के बाद कौन सी नौकरी मिलती है, यही सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी. अबतक आर्मी के जो रिटायर्ड लोग हैं, उनमें से कितने लोगों को कहां रखा गया है. सरकार इसका ही आंकड़ा दे दे. उन्हें भी सिक्योरिटी गार्ड वाला ही काम मिलता है, इन्हें भी 4 साल बाद वही करना पड़ेगा.
संजय सिंह ने कहा कि इस देश में नोटबन्दी लागू करके अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने वाली मोदी सरकार, जीएसटी से व्यापारियों को, काले कानून से किसानों को बर्बाद करने वाली मोदी सरकार अब सेना को प्राइवेट एजेंसी बनाना चाहती हैं. भारत की सेना देश की सीमाओं की रक्षा के लिए है. आज नरेंद्र मोदी जो अग्निपथ योजना लेकर आए हैं, यह प्राइवेट कम्पनियों को फायदा पहुंचाने के लिए है. 4 साल की नौकरी के बाद एक युवा के सामने आत्महत्या, भीख मांगने, सिक्योरिटी गार्ड बनने या अपराध के रास्ते ओर जाने के सिवाय कोई रास्ता नहीं बचेगा. यह देश की सेना का अपमान है. किसानों के खिलाफ आप काले कानून लेकर आए थे, एक साल लगा दिए वापस लेने में. आज नौजवान सड़क पर हैं, मेरी अपील है कि देश को जलने से बचा लीजिए. ऐसा न हो कि इसे भी आपको वापस लेना पड़े.
सिंह ने कहा कि अगर किसी युवा को नौकरी में 17 साल की नौकरी होने की गारंटी मिलती है, वो प्राणों की आहुति तक दे देता है, क्योंकि उसे पता होता है कि सरकार उसके परिवार की चिंता करेगी. इस योजना में न पेंशन है, न भविष्य की तनख्वाह, न नौकरी की योजना है. इसमें नौजवान तो देश सेवा से इतर, इसी में रह जाएंगे कि कैसे अधिकारियों को खुश रखें कि 25 फीसदी के दायरे में आ जाएं. हमारी अपील है कि इस योजना को जल्द से जल्द वापस लें. उन्होंने कहा कि शनिवार को यूपी के सभी जिलों में AAP इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगी.
वहीं, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस योजना को युवा विरोधी ही बताया है. उन्होंने कहा कि देश का युवा अगर किसी योजना को नहीं चाह रहा है तो सरकार इसे लागू क्यों कर रही है। युवा खुलकर कह रहे हैं कि इससे हमें खतरा है, हमारे करियर को खतरा है. फिर सरकार उनकी नहीं सुन रही है. सिसोदिया ने कहा कि देश के बहुत से जाने मानें एक्सपर्ट कह रहे हैं कि इस योजना से हमे मिल रही सेना की सुरक्षा के कवच को खतरा है तो फिर सरकार इन सभी बातों को गंभीरता से क्यों नहीं ले रही है. केंद्र सरकार सेना के अवैध दुर्ग को कमजोर कर रही है. केंद्र सरकार युवा भाई बहनों के साथ गलत कर रही है.
सिसोदिया ने इस दौरान युवाओं से हिंसा न करने की भी अपील की है. उन्होंने कहा कि किसी कानून या योजना का विरोध करना हमारा अधिकार है लेकिन विरोध के दौरान हमे कभी भी हिंसक नहीं होना चाहिए और ना ही सार्वजनिक संपत्ति को नुसकान पुहंचाना चाहिए.
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