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This Article is From Apr 04, 2017

जीटीबी अस्पताल की घोर लापरवाही, 20 मरीजों को लगा दिया दूषित दवा का इंजेक्‍शन, दोबारा हुआ ऑपरेशन

जीटीबी अस्पताल की घोर लापरवाही, 20 मरीजों को लगा दिया दूषित दवा का इंजेक्‍शन, दोबारा हुआ ऑपरेशन
नई दिल्‍ली: दिल्ली सरकार के गुरू तेग बहादुर अस्पताल में 20 मरीजों को आंखों की दूषित दवा का इंजेक्शन लगने के बाद उन्हें चीजें धुंधली-धुंधली सी दिखने लगी.

एम्स के आरपी सेंटर के प्रमुख डॉ. अतुल कुमार ने बताया कि इन 20 में से आठ मरीजों का नेत्रदृष्टि बहाल करने के लिए ऑपरेशन करना पड़ा.

उन्होंने बताया कि इन मरीजों को एवास्टिन (बेवासिजुमैब) दवा की सूई लगाई गई थी, जो मधुमेह अंधता, उच्च रक्तचाप अंधता, उम्रसंबंधी मांसपेशीय क्षरण से ग्रस्त रोगियों में अपरिवर्तनीय अंधता रोकने के लिए दी जाती है.

उन्होंने कहा, 'एवास्टिन को दृष्टि बचाने वाली दवा की श्रेणी में रखा जाता है और उसका इस्तेमाल दुनियाभर में किया जाता है, लेकिन इस मामले में इन मरीजों को संभवत: दूषित दवा दे दी गई और उन्हें चीजें धुंधली दिखने लगी एवं थोड़ा-थोड़ा दर्द होने लगा'. उन्होंने कहा कि उनमें आठ का ऑपरेशन किया गया, जबकि बाकी की नेत्रदृष्टि प्राथमिक उपचार के बाद सुधर गई.

संदेह है कि जीटीबी अस्पताल द्वारा इस्तेमाल में लाई गई एवास्टिन की एक शीशी दूषित थी. (इनपुट भाषा से)

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