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This Article is From Nov 05, 2016

दिल्ली में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर से सांस लेना हुआ मुहाल, 1800 स्कूलों को किया गया बंद

दिल्ली में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर से सांस लेना हुआ मुहाल, 1800 स्कूलों को किया गया बंद
दीवाली के बाद से दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है
नई दिल्ली: दिल्ली में पिछले 17 वर्षों की सबसे खतरनाक धुंध को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की करीब 1800 प्राथमिक स्कूलों को शनिवार के दिन बंद रखने का फैसला किया गया.

पिछले सप्ताहांत दीवाली उत्सव के बाद से ही दिल्ली के घने कोहरे में लिपटे होने की वजह से नगर निगम द्वारा संचालित स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 9 लाख बच्चों को इसके दुष्प्रभावों से बचाने के लिए यह फैसला किया गया है.

दिल्ली में प्रदूषण के स्तर पर नजर रखने वाली एजेंसी से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली के आनंद विहार में करीब सुबह 9 बजे पार्टिकुलेट मैटर या पीएम 10 की सांद्रता 1200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही, जबकि इसका सुरक्षित स्तर 100 माइक्रोग्राम है. वायु गुणवत्ता मापने के मानक पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित स्तर से 13 गुणा तक बढ़ा हुआ था.


हवा में मौजूद इन प्रदूषक कणों की अत्याधिक मात्रा से ज्यादा देर संपर्क में रहने के कारण आपको सांस की गंभीर बीमारियां होने का डर है. समाचार एजेंसी एएफपी से दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के प्रवक्ता योगेंद्र मान ने बताया, 'दिल्ली में कोहरे की वजह से शनिवार को सभी निगम स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया गया है.'
 

राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता हाल के वर्षों में लगातार खराब होती रही है. इसकी एक बड़ी वजह तेजी से बढ़ते शहरीकरण को माना जा रहा है, जिससे डीजल इंडन्स, कोयला चलित विद्युत इकाई और औद्योगिक उत्सर्जन में इजाफा हुआ है.

इसकी एक वजह खेतों में फसलों की पराली जलाने और लकड़ी या कोयले के चूल्हों से निकलने वाले धुएं को भी माना जाता है. हालांकि दिल्ली में कोहरे का यह सिलसिला रविवार रात दीवाली से ही शुरू हुआ, जब लाखों पटाखों से निकले धुएं ने शहर को घेर लिया. शुक्रवार को पर्यावरण मंत्रालय ने भी इस संबंध में पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण के कदमों पर चर्चा हुई.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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