Hijab Row:यूपी के गाजियाबाद शहर को तीन दिन पहले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इसमें पुलिस को हिजाब पहने महिलाओं पर लाठी बरसाते हुए देखा जा सकता है.वीडियो हिजाब मामले को लेकर मुस्लिम महिलाओं के प्रदर्शन का है. आरोप है कि इस प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने धक्का मुक्की की जिसके बाद पुलिस ने लाठी का प्रयोग किया. पुलिस इस वीडियो की जांच कर रही है. गौरतलब है कि कर्नाटक के हिजाब मामले को लेकर देश के कई हिस्सों में मुस्लिम महिलाओं ने प्रदर्शन किया है. गाजियाबाद में भी महिलाओं ने इस मसले को लेकर मोर्चा निकाला था.
ग़ाज़ियाबाद में बुर्के और हिजाब में प्रदर्शन कर रहीं मुस्लिम महिलाओं पर पुलिस के डंडे ,मामले की हो रही है जांच pic.twitter.com/sYggv2Ilaz
— Mukesh singh sengar मुकेश सिंह सेंगर (@mukeshmukeshs) February 16, 2022
ये घटना 13 फरवरी की है. करीब 20-25 महिलाएं और पुरुष हिजाब के पक्ष में प्रिय विहार पुस्ते के पास प्रदर्शन करने पहुंचे थे. पुलिस के मुताबिक, इनके पास प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी. जब इन्हें रोका गया तो इन्होंने पुलिस के साथ हाथापाई की. पुलिस के अनुसार, इनके हाथ मे सरकार विरोधी पोस्टर थे.रोकने के दौरान पुलिस ने बल का प्रयोग किया.इसी बीच सभी प्रदर्शनकारी वहां से भाग गए. पुलिस ने अपनी तरफ से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. आरोपियों में एक रईस नाम का शख्स भी है. बता दें मुस्लिम छात्राओं को शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर प्रवेश से रोकने से रोकने को लेकर विवाद दिसंबर में शुरू हुआ था, जब कर्नाटक के उडुपी जिले की छह छात्राओं ने आवाज़ उठाई थी. उसके बाद वही लड़कियां हाईकोर्ट में गुहार करने पहुंची थीं. तभी से यह मामला बढ़ता चला जा रहा है.
Video : 'हिजाब उतारो'- कर्नाटक में स्कूल पहुंचने के बाद छात्रा से गेट पर उतरवाया गया हिजाब
14 फरवरी को कर्नाटक के कुछ स्कूलों में हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश की पालन के तहत छात्राओं से कैम्पस में प्रवेश करने से पहले हिजाब उतारने के लिए कहा गया था. कॉलेज प्रशासन का तर्क है कि वे सिर्फ हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश का पालन कर रहे हैं, जिसमें स्कूलों-कॉलेजों को इसी शर्त पर खोले जाने की अनुमति दी गई थी कि क्लासरूम में धार्मिक परिधान पहनने की अनुमति नहीं दी जाएगी. हालांकि छात्राओं के मुताबिक, कॉलेज ने उन्हें यह सूचना नहीं दी थी कि हिजाब या बुर्का पहनने की इजाज़त नहीं दी जाएगी. मामले को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट तक में अर्ज़ी दाखिल की जा चुकी है. हालांकि भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा है, "हम उचित समय आने पर ही इस मामले में दखल देंगे..."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं