जिला एवं सत्र न्यायालय गाजियाबाद ने नौ साल, दो महीने बाद 7 मर्डर के दोषी राहुल वर्मा को फांसी की सजा सुनाई है. इसके साथ ही एक लाख रुपये का हर्जाना भी लगाया है. 21 मई 2013 की रात कोतवाली घंटाघर क्षेत्र की नई बस्ती इलाके में खल-चूरी कारोबारी सतीश गोयल, पत्नी मंजू गोयल, बेटे सचिन गोयल, सचिन की पत्नी रेखा, बेटे-बेटी अमन, मेघा और हनी की हत्या कर दी गई थी. एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या से पूरा इलाका सहम उठा था. उस समय जो तस्वीर सामने आई थी उसे देखकर सभी का कलेजा थम गया था. पूरे घर मे हर तरफ सिर्फ और सिर्फ खून और लाशें नजर आ रही थीं. पूरे मामले में कारोबारी सतीश गोयल के पूर्व ड्राइवर राहुल का नाम सामने आया था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
9 साल लंबे चले इस मामले में आखिरकार राहुल वर्मा को दोषी करार दिया गया. पुलिस ने बताया कि लूट की मंशा से घर में घुसे राहुल ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया. पूर्व ड्राइवर राहुल को अंदेशा था कि मृतक व्यापारी के घर में तकरीबन 40 से 45 लाख रुपए रखे हुए हैं. आरोपी ने मृतक के घर में घुसकर लूट की वारदात को अंजाम देना चाहा लेकिन उसी दौरान घर वालों की आंखें खुल गई जिसके बाद राहुल ने एक के बाद एक, सात नृशंस हत्याओं को अंजाम दिया हालांकि उसे कोई मोटी रकम वहां से नहीं मिली. उसे केवल छोटे-मोटे स्वर्ण आभूषण और कुछ राशि मिली. उन्हें लेकर राहुल मौके से फरार हो गया था लेकिन पुलिस जांच के बाद पुलिस ने राहुल को गिरफ्तार कर लिया गया. करीब 9 साल तक चले इस लंबे केस में आखिरकार आज गाजियाबाद की अदालत ने राहुल को फांसी की सजा सुनाई है.
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