NGT ने गाजियाबाद की अर्थला झील के पास बने 500 अवैध मकानों को तोड़ने का आदेश दिया है. इसी के चलते आज जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरु की लेकिन पांच सौ मकानों में से केवल चार ही तोड़े गए. हालांकि जिन मकानों को तोड़ने के आदेश हुए हैं उससे लोगों में खासी नाराजगी है.
अर्थला झील के पास बने चार मकानों की चारदीवारी पर निगम के बुलडोजर चले. हालांकि अर्थला झील की जमीन पर बने पांच सौ मकानों पर क्रास के निशान लगाए गए हैं, जिन पर एनजीटी ने बुलडोजर चलाने का आदेश दिया है. गाजियाबाद में बड़े पैमाने पर भू माफिया ने नेताओं और अधिकारियों के गठजोड़ से तालाब और झीलों की जमीन को अवैध तरीके से बेचा है.
सामाजिक कार्यकर्ता विजयपाल सिंह ने बताया कि हिंडन के पास अर्थला झील किसी जमाने में मुख्य वाटर बॉडी होती थी. लेकिन अवैध कब्जे से आज इसका पानी टॉक्सिक हो गया है, जो चिंता की बात है.
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पचास साल पहले गाजियाबाद की अर्थला झील हिंडन नदी की सहायक वॉटर बॉडी होती थी लेकिन बीते दस से पंद्रह साल में अर्थला झील के चारों तरफ की जमीन पर भूमाफिया ने कब्जा जमाया. अब यहां बाला जी विहार नाम से बाकायदा एक बड़ी कॉलोनी बस चुकी है.
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जिनके मकान के बाहर क्रास के निशान लगे हैं उन गरीबों के सिर पर छत छिनने का खतरा मंडरा रहा है. जब यह कॉलोनी बस रही थी तब किसी अधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. अब NGT की कड़ी फटकार के बाद जिला प्रशासन को दिखाने के लिए ही सही कार्रवाई करनी पड़ रही है क्योंकि 31 तारीख को फिर NGT के सामने गाजियाबाद प्रशासन को जवाब देना है.
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