दिल्ली के स्कूल में गार्ड के साथ बाउंसर की तैनाती.
Delhi Private School Free Row: अभी कुछ ही दिनों पहले दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने 'दिल्ली स्कूल फीस बिल' को मंजूरी दी थी. इस कानून को मंजूरी दिए जाने के बाद दिल्ली के लोगों को लगा था कि अब स्कूल फीस की फांस से कुछ राहत मिलेगी. लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ होते नजर नहीं आ रहा है. दिल्ली के एक स्कूल से ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आई है जहां बाउंसर लगाए गए हैं. दरअसल इस स्कूल ने फीस बढ़ोतरी को लेकर चल रहे विरोध को रोकने के लिए बाउंसर की तैनाती कर दी है. मामला दिल्ली के द्वारका स्थित DPS स्कूल की है. जहां फीस बढ़ोतरी को लेकर बवाल चल रहा है.
मंत्री बोले- स्कूलों की मनमानी नहीं होगी बर्दाश्त, फिर भी नहीं ये हाल
मालूम हो कि कुछ दिनों पहले NDTV ने स्कूलों की मनमानी पर फीस की फांस के नाम से एक सीरीज चलाई थी और तब दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा था कि स्कूलों को मनमानी की इजाजत नहीं मिलेगी. इसको लेकर दिल्ली कैबिनेट ने कानून भी पास किया.
7 हजार के बदले 17 हजार रुपए फीस मांग रहा स्कूल
लेकिन दिल्ली के DPS द्वारका का उदाहरण बताता है कि कई निजी स्कूलों को ऐसे आदेशों की परवाह नहीं है. शिक्षा निदेशालय ने सात हज़ार रुपये से कुछ ऊपर महीने की फीस तय की है, मगर स्कूल 17000 मांग रहा है. मामला हाइकोर्ट में है. लेकिन स्कूल बच्चों को रोक रहा है. स्कूल के गेट पर बाउंसर खड़े दिखे जो बच्चों को भीतर जाने नहीं दे रहे थे.
डीपीएस स्कूल में गार्ड के साथ-साथ बाउंसर भी
बच्चों को बिना मां-बाप को बताए अचानक वापस भी भेज दिया. 32 बच्चों को स्कूल से निकालने का आदेश दिया गया है. डीपीएस द्वारका स्कूल में गार्ड के साथ अब बाउंसर भी लगाए गए हैं ताकि बच्चे स्कूल के अंदर ना जा सके. इस स्कूल ने 32 बच्चों को स्कूल से निकालने का फरमान सुनाया है.
मामला हाईकोर्ट में लंबित, फिर भी मनमानी
वजह ये बताई गई कि उन्होंने स्कूल की फीस नहीं भरी. पैरेंट्स को मेल कर कहा कि वो आएं और अपने बच्चों के ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेकर जाएं. ये तब है जब हाल ही में हाईकोर्ट ने कहा था कि स्कूल बच्चों के खिलाफ कोई करवाई नहीं करेगा.
स्कूल ने अभिभावकों को भेजा मेल
स्कूल द्वारा अभिभावकों को भेजे गए मेल में बताया बच्चों को निकाला जा रहा है. अभिभावक स्कूल पहुंचे तो वहां बाउंसर खड़े थे. स्कूल ने बच्चों को क्लास में घुसने नहीं दिया. बच्चों को बाउंसर के जरिए घर भेज दिया.
7785 रुपए प्रति माह मान्य फीस
दिल्ली के स्कूलों में मान्य फीस हर महीने 7,785 रुपये निर्धारित किया गया है. लेकिन स्कूल अभिभावकों से 17,000 रुपए प्रति महीने ले रहा है. इसको लेकर मामला हाईकोर्ट में है. जहां 16 मई को अगली सुनवाई होनी है. सुनवाई से पहले ही स्कूल ने छात्रों को निकाल दिया है.
मंत्री ने कहा था- मनमानी पर गिरफ्तारी तक हो सकती
ये हालत तब है जब एनडीटीवी के कार्यक्रम में ख़ुद शिक्षा मंत्री ने कहा था कि स्कूल जबरदस्ती नहीं कर सकते. वरना उनके खिलाफ दंडनात्मक कार्रवाई की जाएगी, गिरफ्तारी तक की कार्रवाई हो सकती है. लेकिन इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन मान नहीं रहा.
दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्कूल विधेयक को मंजूरी देकर प्राइवेट स्कूल के फीस बढोत्तरी पर नकेल कसी थी. इस विधेयक में कहा गया था कि एक बार फीस बढ़ जाने पर तीन साल तक प्राइवेट स्कूल फीस नहीं बढ़ा पाएंगे.
दिल्ली के प्राइवेट स्कूल ऑडिट की अनदेखी
- कुल 1677 स्कूल, बीते 10 साल में सिर्फ 75 स्कूलों का ऑडिट
- हर साल प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट कराना जरूरी
- 335 प्राइवेट स्कूल रियायती दर पर मिली जमीन पर बने
- शिक्षा निदेशालय की अनुमति से भी बढ़ा सकते हैं फीस
- 1677 में 114 स्कूल बिना इजाजत बढ़ा सकते हैं फीस
आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार को घेरा
द्वारका के डीपीएस स्कूल में बाउंसर लगाए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी ने सरकार को घेरा है. आप ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- बच्चों को स्कूल में आने से रोकने के लिए BJP के शिक्षा माफिया ने लगाए बाउंसर अब बस यही देखना बाक़ी रह गया था.
बच्चों को स्कूल में आने से रोकने के लिए BJP के शिक्षा माफिया ने लगाए बाउंसर‼️
— AAP (@AamAadmiParty) May 14, 2025
अब बस यही देखना बाक़ी रह गया था। DPS द्वारका ने पहले 34 छात्रों को स्कूल से बाहर निकाल दिया और अब स्कूल के बाहर बाउंसर तैनात कर दिए हैं।
यह बाउंसर किसी की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि बच्चों को स्कूल… pic.twitter.com/hUAqlU8p4I
DPS द्वारका ने पहले 34 छात्रों को स्कूल से बाहर निकाल दिया और अब स्कूल के बाहर बाउंसर तैनात कर दिए हैं. यह बाउंसर किसी की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि बच्चों को स्कूल में प्रवेश करने से रोकने के लिए तैनात किए गए हैं. दिल्ली में निजी स्कूलों और शिक्षा माफियाओं की हिम्मत अब सातवें आसमान पर पहुंच गई है. उन्हें मालूम है कि दिल्ली में अब जनता की नहीं माफियाओं की सरकार है.
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