दिल्ली और यूपी में कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट मिलने में देरी, संक्रमण फैलने का खतरा

कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट 72 घंटे में आने के कारण इस बीच मरीज को पता ही नहीं होता कि वह पॉजिटिव है या निगेटिव

दिल्ली और यूपी में कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट मिलने में देरी, संक्रमण फैलने का खतरा

कोरोना का टेस्ट कराने के लिए कतार में लगे लोग.

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली और यूपी में कोरोना के RTPCR की टेस्ट रिपोर्ट देरी से आने के चलते संक्रमण की दर बढ़ने की आशंका प्रकट की जा रही है. टेस्ट रिपोर्ट 72 घंटे में आने के कारण इस बीच मरीज को पता ही नहीं होता कि वह पॉजिटिव है या निगेटिव. इससे कोरोना वायरस का संक्रमण और फैलने का खतरा है. सवाल यह है कि RTPCR टेस्ट की रिपोर्ट क्यों देर से आ रही है? 

दिल्ली से महज बीस किलोमीटर दूर इंदिरापुरम के खालसा हेल्प कोविंड टेस्टिंग सेंटर पर भीड़ लगातार बढ़ रही है. कोरोना टेस्टिंग सेंटर के प्रबंधक लगातार लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाने की हिदायत दे रहे हैं. लेकिन मार्च तक जहां वो रोज 50 से 70 टेस्ट करते थे वहीं अप्रैल में ये संख्या ढाई सौ से तीन सौ पहुंच चुकी है.ऊपर से दिक्कत ये है कि RTPCR की रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन लग जाते हैं. इससे संक्रमण फैलने की रफ्तार तेज होने का खतरा है.

खालसा हेल्प कोविड टेस्ट सेंटर के प्रबंधक गुरुशरण ने सिंह कहा कि ''हम सरकार से अपील करते हैं RTPCR की टेस्ट रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर दी जाए. अभी 72 घंटे तक लग जाते हैं ये रिपोर्ट आने में, जिससे टेस्ट करवाने वालों को पता ही नहीं रहता है कि वो कोविड पॉजिटिव है या निगेटिव.''

यही नहीं खुद यूपी सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक की कोविड आपदा पर चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोलती एक चिट्ठी वायरल हो गई है. इसमें कानून मंत्री लिख रहे हैं कि कोविड टेस्ट की रिपोर्ट आने में 5-7 दिन लग रहे हैं. खुद मंत्री अपनी चिट्ठी में हवाला दे रहे हैं कि स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी से फोन से बात हुई जिसमें वो कह रहे हैं कि कोविड टेस्टिंग किट 17000 की जगह केवल 10 हजार दे रही है.

यूपी ही नहीं देश की राजधानी दिल्ली में भी RTPCR टेस्ट की रिपोर्ट देर से आने की लगातार शिकायतें मिल रही हैं. आल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि RTPCR की रिपोर्ट समय पर न मिलने से करोना संक्रमण की दर बढ़ने की आशंका है.

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दरअसल दिल्ली सरकार के केंद्रों पर इकट्ठे किए गए नमूनों की जांच स्पाइस हेल्थ नाम की लैब करती है. लैब ने अपनी वेबसाइट पर एकाएक ज्यादा परीक्षण होने के चलते दो दिन में रिपोर्ट देने की बात कहते हुए ग्राहकों से माफी मांगी है. लेकिन पहले ही दिल्ली में करोना में संक्रमण दर 12 फीसदी हो चुकी है ऐसे में रिपोर्ट देने में देरी से संक्रमण दर और बढ़ने की आशंका प्रकट की जा रही है.