
पॉपुलर ऑनलाइन गेम Axie Infinity के यूजर्स से हुई करोड़ों डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी की चोरी का आरोप अमेरिका ने उत्तर कोरिया के हैकर्स पर लगाया है. अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने कहा, "हमें पता है कि उत्तर कोरिया परमाणु हथियार बनाने के लिए अवैध गतिविधियों से रेवेन्यू हासिल करता है. वह अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से बचने के लिए गैर कानूनी गतिविधियों पर निर्भर है."
Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, ब्लॉकचेन एनालिटिक्स फर्मों Chainalysis और Elliptic ने यह पुष्टि की है उत्तर कोरिया इस हैक के पीछे था. इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि पिछले कुछ सप्ताह से चल रही सायबर सिक्योरिटी फर्म की जांच उत्तर कोरिया के हैकर्स का पता लगा रही है. Axie Infinity से जुड़ी फर्म Sky Mavis के को-फाउंडर Aleksander Larsen ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया. Sky Mavis ने इस हैक की जांच के लिए CrowdStrike को हायर किया था.
इस गेम में यूजर्स को क्रिप्टोकरेंसी डिपॉजिट और विड्रॉ करने की सुविधा देने वाले ब्लॉकचेन नेटवर्क Ronin ने लगभग तीन सप्ताह पहले बताया था कि लगभग 61.5 करोड़ डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी की चोरी हुई है. Ronin के ब्लॉग पर जानकारी दी गई है कि अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (FBI) ने इस हैक के लिए Lazarus ग्रुप को जिम्मेदार बताया है कि और ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने उस एड्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसे चुराया गया फंड प्राप्त हुआ था. Lazarus हैकिंग ग्रुप पर उत्तर कोरिया के इंटेलिजेंस ब्यूरो का नियंत्रण है.
इस हैकिंग ग्रुप पर रैंसमवेयर अटैक, इंटरनेशनल बैंकों और कस्टमर एकाउंट्स की हैकिंग के आरोप लग चुके हैं. अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से Lazarus ग्रुप को ब्लैकलिस्ट करने और इसके एसेट्स को जब्त करने के लिए कहा है. सायबर अपराधियों ने पिछले वर्ष ब्लॉकचेन्स को हैक करके 1.3 अरब डॉलर से अधिक की चोरी की थी. क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन के बढ़ते इस्तेमाल के कारण सायबर अपराधी इसे निशाना बना रहे हैं. हाल के महीनों में ऐसे कई मामले हुए हैं जिनमें ऐसे सायबर अटैक में फर्मों और लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. इनमें से कुछ मामले क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़ी अमेरिकी फर्मों के साथ हुए हैं.
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