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This Article is From Jun 09, 2022

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वेबसाइट पर वर्चुअल एसेट्स के लिए TDS रेट में गलती सुधारी

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर TDS का रेट घटाकर 0.1 प्रतिशत दिखाया गया था. डिपार्टमेंट ने इसे सुधार कर दोबारा 1 प्रतिशत कर दिया है

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वेबसाइट पर वर्चुअल  एसेट्स के लिए TDS रेट में गलती सुधारी
यह अगले महीने से लागू होना है

वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर 1 प्रतिशत के TDS को लेकर भ्रम की स्थिति दूर हो गई है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर TDS का रेट घटाकर 0.1 प्रतिशत दिखाया गया था. डिपार्टमेंट ने इसे सुधार कर दोबारा 1 प्रतिशत कर दिया है. इस वर्ष के बजट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर 1 प्रतिशत के TDS की घोषणा की गई थी. यह अगले महीने से लागू होना है.

डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर यह रेट 0.1 प्रतिशत दिखने के बाद कुछ लोगों ने इस गलती की जानकारी दी थी. इसके बाद इसे ठीक किया गया है. इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हुई थी. वेबसाइट पर बताया गया है कि अगर फाइनेंशियल ईयर के दौरान वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की कुल वैल्यू 10,000 रुपये से 50,000 रुपये के बीच है तो कोई टैक्स लागू नहीं होगा. 

केंद्र सरकार का कहना है कि वह वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर पर 1 प्रतिशत के TDS में कोई छूट देने पर विचार नहीं कर रही. क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने TDS में छूट देने की मांग उठाई थी. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा था कि क्रिप्टो से जुड़े कानून को लेकर जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पिछले वर्ष क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाने को कहा था. सरकार का कहना है कि वह इस सेगमेंट पर पूरी तरह रोक नहीं लगाएगी. वर्चु्अल डिजिटल एसेट्स (VDA) के प्रभावी टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन के लिए जल्द कानून बनने की संभावना है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) को VDA के लिए गाइडलाइंस बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. इससे VDA की परिभाषा भी स्पष्ट होगी. फाइनेंस मिनिस्ट्री ने क्रिप्टो टैक्स रिफॉर्म्स के बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है.

देश में इस फाइनेंशियल ईयर में CBDC को लॉन्च किया जा सकता है. इससे लोगों को पेमेंट के अधिक विकल्प मिल सकेंगे. बहुत से अन्य देशों में CBDC को लॉन्च करने पर काम किया जा रहा है. कुछ देशों में इसका ट्रायल शुरू किया गया है. RBI ने कहा है कि CBDC मौजूदा मॉनेटरी पॉलिसी के साथ ही पेमेंट सिस्टम्स से भी जोड़ी जाएगी. इस CBDC पर RBI का कंट्रोल होगा और इसे देश के वित्तीय ढांचे के अनुसार बनाया जाएगा. CBDC एक ब्लॉकचेन पर बेस्ड पेमेंट सॉल्यूशन होता है, जिस पर सेंट्रल बैंक का कंट्रोल रहता है. यह क्रिप्टोकरेंसी की तरह काम करता है लेकिन  क्रिप्टोकरेंसीज की तरह CBDC में वोलैटिलिटी और अन्य रिस्क नहीं होते. 

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