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This Article is From Jul 06, 2022

इनवेस्टर्स के लिए महत्वपूर्ण है क्रिप्टो कॉइन्स और क्रिप्टो टोकन्स के बीच अंतर को समझना

क्रिप्टो सेगमेंट में क्रिप्टो कॉइन्स की बड़ी हिस्सेदारी है। ये अपनी या अलग ब्लॉकचेन रखने वाले डिजिटल एसेट्स होते हैं

इनवेस्टर्स के लिए महत्वपूर्ण है क्रिप्टो कॉइन्स और क्रिप्टो टोकन्स के बीच अंतर को समझना
क्रिप्टो कॉइन्स में बिटकॉइन के अलावा Ethereum, Solana और Polygon शामिल हैं
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
क्रिप्टो कॉइन्स को अन्य कॉइन्स के बदले एक्सचेंज किया जा सकता है
इनकी सिक्योरिटी भी अधिक होती है
पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टो मार्केट में गिरावट है

दुनिया भर में पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है. ब्लॉकचेन पर बने डिजिटल फाइनेंशियल एसेट्स को क्रिप्टोकरेंसीज कहा जाता है. इन्हें दो और कैटेगरी में विभाजित किया जा सकता है, जो क्रिप्टो कॉइन्स और क्रिप्टो टोकन्स की हैं. मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin है.

इनवेस्टमेंट फर्म Alto की ओर से हाल ही में किए गए एक सर्वे में पता चला था कि 25-40 वर्ष के आयु वर्ग में आने वाले मिलेनियल्स क्रिप्टो एसेट्स को लॉन्ग-टर्म में सेविंग के लिए एक इंस्ट्रूमेंट के तौर पर देख रहे हैं. इस सेगमेंट में क्रिप्टो कॉइन्स की बड़ी हिस्सेदारी है. ये अपनी या अलग ब्लॉकचेन रखने वाले डिजिटल एसेट्स होते हैं. क्रिप्टो कॉइन्स में  बिटकॉइन के अलावा Ethereum, Solana और  Polygon शामिल हैं. इन्हें अन्य कॉइन्स के बदले एक्सचेंज किया जा सकता है. इनकी मार्केट वैल्यू भी अधिक होती है. इन कॉइन्स की सिक्योरिटी बेहतर होती है क्योंकि ये एनक्रिप्टेड होते हैं और इन्हें ब्लॉकचेन नेटवर्क्स पर सिक्योर किया जाता है. इसके बारे में इनफॉर्मेशन केवल इन्हें भेजने वाले और प्राप्त करने वाले को होती है. 

क्रिप्टो टोकन्स की शुरुआत पहले से मौजूद ब्लॉकचेन नेटवर्क्स से हुई है. ये डिजिटल एसेट्स की एक सब-कैटेगरी है. उदाहरण के लिए, Ether ब्लॉकचेन Ethereum की नेटिव क्रिप्टोकरेंसी है. इसके अलावा DAI, LINK और COMP भी Ethereum नेटवर्क पर बनाए गए क्रिप्टो टोकन्स हैं. क्रिप्टो टोकन्स का इस्तेमाल ट्रांजैक्शंस के लिए फंड के समान किया जा सकता है. इसके साथ ही ये गुड्स खरीदने या गैस फीस चुकाने के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं. डीसेंट्रलाइज्ड एप्लिकेशंस (dApps) पर फीचर्स एक्टिवेट करने के लिए ये इस्तेमाल होते हैं. 

इनवेस्टर्स के लिए क्रिप्टो कॉइन्स और क्रिप्टो टोकन्स के बीच अंतर को समझना जरूरी है, जिससे उन्हें इन डिजिटल एसेट्स में इनवेस्टमेंट को लेकर फैसला करने में मदद मिल सकती है. क्रिप्टो मार्केट में पिछले कुछ महीनों से गिरावट का क्रिप्टो कॉइन्स और क्रिप्टो टोकन्स दोनों के प्राइसेज पर बड़ा असर पड़ा है. इसका एक उदाहरण बिटकॉइन है. बिटकॉइन ने पिछले वर्ष नवंबर में लगभग 69,000 डॉलर के साथ हाई लेवल छुआ था. इसका प्राइस गिरकर 20,000 डॉलर से कुछ अधिक का है. अमेरिका में फेडरल रिजर्व और कुछ अन्य देशों में सेंट्रल बैंक के इंटरेस्ट रेट्स बढ़ाने और कुछ अन्य कारणों से क्रिप्टो मार्केट में गिरावट आई है.  

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