Ethereum से जुड़ा डीसेंट्रलाइज्ड प्लेटफॉर्म Polygon कार्बन न्यूट्रल बनने के लिए इस वर्ष 2 करोड़ डॉलर खर्च करेगा. लोगों को कार्बन नेगेटिव होने के लिए अतिरिक्त क्रेडिट खरीदने की अनुमति भी दी जाएगी. Polygon पर क्रिएट किए जाने वाले प्रत्येक नॉन-फंजिबल टोकन (NFT), डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ट्रेड और अन्य एक्टिविटीज को एनवायरमेंट पर प्रभाव के लिए जवाबदेह बनाया जाएगा. क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों (NGO) को भी मदद दी जाएगी.
इसके साथ ही फर्म इकोसिस्टम के पार्टनर्स को कार्बन एमिशन घटाने के लिए रिसोर्सेज की भी पेशकश करेगी. Polygon नेटवर्क कार्बन एमिशन कम करने से जुड़ी टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराने वाले डिवेलपर्स के ग्रुप KlimaDAO के साथ काम कर रहा है. इसने कार्बन एमिशन को मापने का टूल उपलब्ध कराने वाली Offsetra की सर्विस भी ली है. इसका लक्ष्य स्टेकिंग नोड हार्डवेयर या ब्रिजिंग एक्टिविटीज से होने वाले एमिशन पर नियंत्रण करने के साथ ही Ethereum Mainnet से कनेक्ट होने पर एनर्जी की खपत को कम करना है.
Polygon ने एमिशन से जुड़ा एक एनालिसिस भी पब्लिश किया है. इससे पता चलता है कि Polygon के कार्बन एमिशन में से लगभग 99 प्रतिशत का कारण Ethereum Mainnet पर ट्रांजैक्शंस से जुड़ी चेकपॉइंटिंग और ब्रिजिंग एक्टिविटीज हैं. Polygon ने यूजर्स की डिटेल्स प्राइवेट रखने वाली एक सर्विस पर भी काम शुरू किया है. Polygon ID कही जाने वाली इस सर्विस से यूजर्स की ऑन-चेन प्राइवेसी को बरकरार रखने के साथ उनकी इनफॉर्मेशन को वेरिफाई करने में मदद मिलेगी. इस सर्विस के इस्तेमाल से ब्लॉकचेन पर चलने वाले ऐप्लिकेशंस यूजर डेटा को ऑथेंटिकेट कर सकेंगे. Polygon की डिवेलपमेंट टीम ने बताया कि इस सर्विस को डीसेंट्रलाइज्ड आइडेंटिटी प्रोटोकॉल iden3 के साथ बनाया जाएगा.
ZK बेस्ड प्रोटोकॉल में ब्लॉकचेन नेटवर्क्स को डेटा का खुलासा किए बिना ट्रांजैक्शंस को वैलिडेट करने की अनुमति मिलती है. इसमें केवल ट्रांजैक्शन से जुड़ी एंटिटीज ट्रांजैक्शन के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर सकती हैं. इससे Ethereum नेटवर्क पर यूजर्स आसानी से ट्रांजैक्शन कर सकते हैं और इसके साथ ही उनकी व्यक्तिगत जानकारी भी सुरक्षित रहती है. Polygon ने कहा कि ZK क्रिप्टोग्राफी से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर उसकी एक अरब डॉलर से अधिक खर्च करने की योजना है. Polygon ID में ZK प्रूफ्स का इस्तेमाल नो युअर कस्टमर (KYC) वेरिफिकेशन के लिए यूजर की आइडेंटिटी को साबित करने के लिए होगा. यूजर्स को इसके लिए दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी.
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