भारत में नए टैक्स नियम के लागू होने के बाद क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी गिरावट

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो ट्रेडिंग से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने की घोषणा की थी. रिसर्च फर्म Crebaco की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि CoinDCX और WazirX सहित देश के क्रिप्टो एक्सचेंजों की क्रिप्टो ट्रेडिंग वॉल्यूम काफी घटी है.

भारत में नए टैक्स नियम के लागू होने के बाद क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी गिरावट

फरवरी में बजट में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर टैक्स लगाने की घोषणा की गई थी

खास बातें

  • इंडस्ट्री के कुछ एक्सपर्ट्स ने इस सेगमेंट पर टैक्स को सही बताया है
  • क्रिप्टो ट्रेडिंग पर टैक्स इस महीने लागू हुआ है
  • नए कानून का उल्लंघन करने वालों को कड़ी सजा हो सकती है

भारत में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग की वॉल्यूम में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है, जिसका कारण इस महीने की शुरुआत से देश में डिजिटल एसेट्स पर नए टैक्स नियम लागू होना माना जा रहा है. पिछले हाल ही में, मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो ट्रेडिंग से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाने की घोषणा की थी. इसके अलावा प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS भी चुकाने का नियम बनाया गया है. 

रिसर्च फर्म Crebaco की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि CoinDCX और WazirX सहित देश के क्रिप्टो एक्सचेंजों की क्रिप्टो ट्रेडिंग वॉल्यूम काफी घटी है. Coindesk ने Crebaco के हवाले से बताया है, "इस महीने के शुरुआती तीन दिन छुट्टियों के थे और उसके बाद से वॉल्यूम लगातार गिर रही है. इसमें और कमी आ सकती है. इसके दोबारा बढ़ने की संभावना कम है. यह स्पष्ट है कि नए टैक्स ने मार्केट पर नकारात्मक असर डाला है. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. क्रिप्टो को रोकने का कोई तरीका नहीं है और इस वजह से सरकार को टेक्नोलॉजी को स्वीकार करना चाहिए." 

रिपोर्ट में बताया गया है कि WazirX, CoinDCX और ZebPay पर ट्रेडिंग वॉल्यूम क्रमशः 72 प्रतिशत, 52 प्रतिशत और 59 प्रतिशत घटी है. फरवरी में बजट में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर टैक्स लगाने की घोषणा की गई थी और इसके बाद से यह मुद्दा क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के बीच विवाद का एक कारण बना है. इंडस्ट्री के बहुत से एक्सपर्ट्स और क्रिप्टो से जुड़े लोगों ने इस सेगमेंट पर प्रतिबंध लगाने के बजाय इसे रेगुलेट करने के सरकार के रवैये की प्रशंसा की है, जबकि कुछ अन्य का मानना है कि क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर टैक्स की दर कम होनी चाहिए. 

इस वर्ष के बजट में क्रिप्टो से जुड़े कानून का प्रस्ताव दिया गया था और यह संसद में पारित हुआ था. इससे वर्चुअल डिजिटल एसेट्स देश में टैक्स के दायरे में आ जाएंगे. हालांकि, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की परिभाषा को लेकर भ्रम की स्थिति है. इन नियमों का उल्लंघन करने वाले मुश्किल में पड़ सकते हैं. नए क्रिप्टो कानून का उल्लंघन करने वालों सात वर्ष तक की कैद हो सकती है. केंद्र सरकार ने हाल ही में कहा था कि वह क्रिप्टो माइनिंग करने वालों और इंडस्ट्री से जुड़े अन्य लोगों को टैक्स में कोई छूट देने पर विचार नहीं कर रही. 


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