पूर्वी चीन का अनहुई प्रांत क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग (Cryptocurrency Mining) पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा करने वाला नवीनतम प्रांत बन गया है. प्रतिबंध का कारण बताते हुए कहा गया है कि इस कदम से अगले तीन वर्षों में बिजली की अधिक कमी को कम करने में मदद मिलेगी. राज्य के स्वामित्व वाले Hefei Media Group द्वारा संचालित एक समाचार पोर्टल के अनुसार अनहुई बिजली की खपत को कम करने के उद्देश्य से सभी क्रिप्टोकरेंसी खनन परियोजनाओं को बंद कर देगा, क्योंकि प्रांत बिजली की "गंभीर" आपूर्ति की कमी का सामना कर रहा है.
चीन की राज्य परिषद, या कैबिनेट, ने मई के अंत में अंतर्निहित वित्तीय जोखिमों का हवाला देते हुए Bitcoin खनन और व्यापार पर नकेल कसने की शपथ ली. भारत में बिटकॉइन की कीमत 14 जुलाई को शाम 5:30 बजे IST तक 24.1 लाख रुपये थी. सिचुआन, इनर मंगोलिया और झिंजियांग सहित प्रमुख चीनी खनन केंद्रों ने व्यापार को जड़ से खत्म करने के लिए विस्तृत उपाय लागू किए हैं. क्लैंप-डाउन से पहले चीन वैश्विक बिटकॉइन उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत का हिस्सेदार होता था.
Bitcoin माइनिंग के खिलाफ चीन के एक्शन के पहले ही तेजी से गिर चुकी थी प्रोडक्शन में उसकी हिस्सेदारी
क्रिप्टोकरेंसी खनन व्यवसाय में बिजली की अत्यधिक खपत होती है. खनिक विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए, उच्च-शक्ति वाले कंप्यूटर या रिग्स का उपयोग जटिल गणित पहेली को हल करने के लिए करते हैं, जो कि बिटकॉइन जैसी नई वर्चुअल करेंसी बनाते हैं.
लेख के अनुसार अनहुई की बिजली की मांग 2024 में बढ़कर 73.14 मिलियन kW हो जाएगी. जबकि प्रांत की वर्तमान आपूर्ति केवल 48.4 मिलियन kW है, जो अपेक्षाकृत बड़े अंतर की ओर इशारा करती है. क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग को जड़ से खत्म करने के अलावा, अनहुई बिजली के अधिक आर्थिक उपयोग को निर्देशित करने के लिए बिजली मूल्य निर्धारण में सुधार को भी बढ़ावा देगा.
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