क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है. पिछले वर्ष भारत में सात प्रतिशत से अधिक लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर डिजिटल करेंसी थी. संयुक्त राष्ट्र की ट्रेड से जुड़ी संस्था UNCTAD ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान विकासशील देशों सहित दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बढ़ा है. हालांकि, इस सेगमेंट में टैक्स की चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी समस्याएं भी हैं.
UNCTAD ने पिछले वर्ष डिजिटल करेंसीज रखने वाले टॉप 20 देशों का डेटा जारी किया है. इसमें यूक्रेन पहले स्थान पर है. यूक्रेन की लगभग 12.7 प्रतिशत जनसंख्या के पास डिजिटल करेंसी थी. भारत इस लिस्ट में सातवें पायदान पर है. हालांकि, UNCTAD का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसीज एक अस्थिर फाइनेंशियल एसेट है और इससे सामाजिक जोखिमों के साथ ही वित्तीय नुकसान भी हो सकता है. UNCTAD ने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हाल के झटकों से यह संकेत मिलता है कि क्रिप्टोकरेंसीज रखने से प्राइवेसी को जोखिम है लेकिन अगर सेंट्रल बैंक वित्तीय स्थिरता की सुरक्षा के लिए उपाय करता है तो यह एक सरकार की समस्या हो जाती है."
मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन का प्राइस पिछले कुछ महीनों में काफी गिरा है. इससे बिटकॉइन के होल्डर्स को बड़ा नुकसान हुआ है. इसके अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में भी गिरावट आई है. UNCTAD ने कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसीज पेमेंट का एक बड़ा जरिया बन जाती हैं तो इससे कई देशों की वित्तीय स्थिरता पर असर पड़ सकता है. क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़े स्कैम्स की संख्या बढ़ने के कारण अमेरिका में अथॉरिटीज इस सेगमेंट की कड़ी स्क्रूटनी कर रही हैं. एक अनुमान के अनुसार, इन स्कैम्स में पिछले वर्ष की शुरुआत से इस वर्ष मार्च तक अमेरिका में क्रिप्टो इनवेस्टर्स को एक अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है.
सीनेट की बैंकिंग कमेटी के प्रमुख Sherrod Brown की ओर से ग्लोबल टेक कंपनियों ऐपल और गूगल को पत्र भेजकर उनके ऐप स्टोर और प्लेस्टोर पर उपलब्ध क्रिप्टो से जुड़े ऐप्स के साथ ही जाली ऐप्स से निपटने के तरीकों के बारे में बताने को कहा गया है. फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (FBI) ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि जाली क्रिप्टो ऐप्स से इनवेस्टर्स को बड़ा नुकसान हो रहा है. हाल ही में हॉलीवुड के एक प्रोड्यूसर Ryan Felton के क्रिप्टो स्कैम करने का मामला हुआ था.
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