जालोर (Jalore) में कथित रूप से शिक्षक की पिटाई के बाद सात अलग-अलग अस्पतालों में इलाज कराने के बावजूद नौ साल के अनुसूचित जाति के लड़के को बचाया नहीं जा सका. वहीं NDTV ने बच्चे के परिवार वालों से बातचीत की. जिसमें परिजनों ने कहा कि उनका बच्चा तीसरी कक्षा में पढ़ता था. 20 जुलाई को वह स्कूल गया था. जहां पर मटके से पानी पीने को लेकर उसे शिक्षक ने बुरी तरह से मारा. परिवार के मुताबिक उन्हें शाम को बच्चे की पिटाई की जानकारी मिली. बच्चे को इतनी बुरी तरह से पीटा गया था कि उसके हाथ पैर ने काम करना छोड़ दिया था. उसे लगभग सात अस्पतालों में ले जाया गया. लेकिन बचाया नहीं जा सका.
ये सवाल करने पर कि स्कूल का कहना है कि बच्चों की आपस में लड़ाई हुई थी... इसपर परिवार ने कहा कि प्रशासन पर दबाव है. मटके से पानी पीने पर ही पिटाई की गई थी. वहीं सरकार से मिली मदद पर परिवार ने कहा कि कोई मदद नहीं मिली है. यहां लाठीचार्ज की गई हैं. हमारी मांग थी कि हमारे रिश्तेदारों को अंतिम संस्कार में आने दिया जाए. लेकिन प्रशासन ने लाठीचार्ज कर दी. जिसमें कई लोगों को चोट आई है. वहीं परिवार ने न्याय की मांग सरकार से की है.
बता दें कि नौ वर्षीय दलित छात्र इंद्र कुमार को 20 जुलाई को स्कूल में मटके को छूने के आरोप में एक शिक्षक ने पीटा था. शनिवार (13 अगस्त) को अहमदाबाद के एक अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी. आरोपी शिक्षक छैल सिंह (40) को गिरफ्तार कर लिया गया है और राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार के सदस्यों के लिये पांच लाख रुपये की राहत की घोषणा की है.
वहीं मरे दलित छात्र के परिजनों से मिलने जा रहे भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को मंगलवार शाम पुलिस ने जोधपुर हवाई अड्डे पर रोक लिया और लगभग तीन घंटे तक हिरासत में रखा था. पुलिस के अनुसार, जालोर नहीं जाने का आश्वासन देने के बाद आजाद को शाम 7.30 बजे हवाई अड्डे से निकलने की अनुमति दी गई. हालांकि, आजाद ने हवाई अड्डे से निकलते समय संवाददाताओं से कहा कि वह परिवार से मिले बगैर नहीं लौटेंगे.
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