मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए सदानंद कदम को आज रिमांड के लिए कोर्ट में पेश किया गया. इससे पहले ईडी दफ्तर से उसे मेडिकल के लिए ले जाया गया था. सदानंद कदम महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल परब के करीबी बताए जाते हैं. ED ने दापोली में साई रिजॉर्ट मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. पूर्व मंत्री अनिल परब पर आरोप है कि मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने अधिकार का दुरुपयोग कर अवैध रिजॉर्ट बनाया था इसके लिए मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप उनके ऊपर है. ईडी की तरफ से इस मामले में अनिल परब से भी पूछताछ हो चुकी है.
वहीं बचाव पक्ष के वकील ने अदालत में कहा कि सदानंद कदम की गिरफ्तारी अनिल परब को घेरने के लिए हुई है. ED कदम के कंधे पर बंदूक रखकर किसी और पर निशाना लगा रही है. बचाव पक्ष ने प्रवर्तन निदेशालय के इस आरोप को भी गलत बताया कि सदानंद कदम जांच में सहयोग नही कर रहे हैं. वकील ने दावा किया कि कदम पहले 4 बार ED के सामने हाजिर होकर बयान दे चुके हैं. हाल ही में उनका ऑपरेशन हुआ था इसलिए वो समय मांग रहे थे लेकिन एजेंसी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया क्योंकि उसके निशाने पर कोई और है?
इसके पहले एजेंसी ने कोर्ट को बताया था कि पूर्व मंत्री अनिल परब के कहने पर सदानंद कदम ने एक एजेंट के जरिए दापोली में समंदर किनारे विभा साठे से जमीन खरीदी. जमीन के लिए साल 2017 में अनिल परब के अकाउंट से एक करोड़ चेक से दिया गया जबकि 80 लाख रूपये कैश दिए गए थे.
एजेंसी ने ने दावा किया कि 80 लाख रूपये अनिल परब के थे लेकिन दिए कदम ने थे. ED ने ये भी दावा किया कि पैसे 2017 में दे दिए गए लेकिन सेल एग्रीमेंट 2019 में किया गया. इसके पहले सीआरजेड में आ रही जमीन को क्लियर कराने के लिए जमीन मलिक के नाम से ही आवेदन दिए गए. जबकि जमीन मलिक को इसकी कोई जानकारी ही नहीं थी. ED के मुताबिक ये सब काम अनिल परब की तरफ से सदानंद कदम करते रहे हैं.
ED के मुताबिक साई रिजॉर्ट बनने पर जब अनिल परब का नाम खबरों में आने लगा तब अनिल परब ने वो रिजॉर्ट सिर्फ एक करोड़ दस लाख रुपए में सदानंद कदम के नाम कर दिया. जबकि जमीन और रिजॉर्ट का बाजार भाव 10 करोड़ के करीब है. इसके लिए फर्जी बिल बनाए गए. क्योंकि जो रिजॉर्ट बनाने के लिए 50 लाख रूपये खर्चा आया था उसके लिए 3 करोड़ 50 लाख दिखाया गया. इस तरह से मामले में अनिल परब के अनएकाउंटेड पैसों की मनी लांड्रिंग में सदानंद कदम ने मदद की है. लेकिन अब वो जांच में सहयोग नही कर रहे हैं. अपने पहले के बयान से भी मुकर रहे हैं. इसलिए गावहों के सामने पूछताछ के साथ पैसों के लेनदेन की जांच करनी है.
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