- विज्ञापन में लिखा सैलरी 19500 से 75000 के बीच मिलेगी
- आरोपी मामा चन्द्रशेखर और उसका भांजा जितेंद्र गिरफ्तार
- करीब एक हजार लोगों को जाल में फंसाकर करोड़ों हड़पे
दिल्ली पुलिस ने मामा और भांजे की एक जोड़ी समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी कॉल सेंटर और अखबारों में विज्ञापन के जरिए एयरपोर्ट में नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगी करते थे. अब तक यह बदमाश 1000 से ज्यादा लोगों को करोड़ों का चूना लगा चुके हैं. एयरपोर्ट के डीसीपी संजय भाटिया के मुताबिक 14 जुलाई को लखनऊ के रजत गुप्ता ने शिकायत दी कि उन्होंने अखबार में एक विज्ञापन देखा जिसमें सभी एयरपोर्टों पर अच्छी नौकरी और खाना फ्री देने की बात लिखी थी. यह भी छपा था कि सैलरी 19500 से 75000 के बीच मिलेगी. उन्होंने विज्ञापन में लिखे नम्बर पर फ़ोन किया जो किसी प्रीति ने उठाया. प्रीति ने नौकरी देने के नाम पर सिक्योरिटी, एयरपोर्ट अथॉरिटी की गारंटी फीस और इंश्योरेंस मनी के नाम पर उनसे काफी पैसा जमा करा लिया.
जब रजत की नौकरी नहीं लगी और उन्हें शक हुआ तो उन्होंने पुलिस में शिकायत की. पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल, बैंक डिटेल्स और जिस एटीएम से पैसे निकाले गए उसके आधार पर चन्द्रशेखर और उसके भांजे जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया. दोनों नारायणा इलाके में एक फ़र्ज़ी कॉल सेंटर चला रहे थे. उन्होंने कॉल सेंटर चलाने के लिए चार लड़कियां और बलदेव नाम का एक शख्स रखा था. उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया.
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जांच में मास्टरमाइंड मामा चंद्रशेखर ने बताया कि उसे घर बनाने के लिए पैसे की जरूरत थी इसलिए जल्दी पैसा कमाने की चाहत में उसने यह गोरखधंधा शुरू किया. उसने नौकरी की चाहत रखने वाले करीब 20 हज़ार लोगों से संपर्क किया जिसमें से 1000 लोग ही उसके जाल में फंसे. पकड़े गए आरोपियों में से कई दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक हैं.

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