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बाड़मेर में 100 करोड़ की MD ड्रग्स फैक्ट्री लगाने वाला ड्रग तस्कर गिरफ्तार

एमडी ड्रग्स की फैक्ट्री के लिए मशीन महाराष्ट्र और गुजरात से लाई जा रही थी जबकि जरूरी केमिकल महाराष्ट्र के महाड़ इलाके से सप्लाई होना था. पहले जोधपुर के कुड़ी इलाके और बाद में बाड़मेर के सेड़वा इलाके में फैक्ट्री लगाने के प्रयास किए गए लेकिन दोनों ही बार पुलिस ने फैक्ट्री शुरू होने से पहले ही पकड़ ली.

बाड़मेर में 100 करोड़ की MD ड्रग्स फैक्ट्री लगाने वाला ड्रग तस्कर गिरफ्तार
  • राजस्थान एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ने 100 करोड़ की एमडी ड्रग्स फैक्ट्री के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया
  • इस मामले के आरोपी कमलेश की ड्रग्स फैक्ट्री के लिए मशीन महाराष्ट्र और गुजरात से लाई जा रही थीं
  • राजस्थान के बाड़मेर में हर तीन-चार दिन में 10 किलो एमडी ड्रग्स के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था
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बाड़मेर:

राजस्थान एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ATS ने बाड़मेर जिले में 100 करोड़ की एमडी ड्रग्स की फैक्ट्री लगाने वाले मास्टरमाइंड कमलेश उर्फ कार्तिक को गिरफ्तार किया है. कमलेश कॉर्पोरेट स्टाइल में ड्रग्स कारोबार चला रहा था और गैंग के सभी सदस्यों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी हुई थी. एटीएस को इनपुट मिला कि कमलेश जैसलमेर के सांगड़ इलाके में बकाया हिसाब करने के लिए आने वाला है. जैसे ही वह वहां पहुंचा ATS और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) की संयुक्त कार्रवाई में उसे गिरफ्तार कर लिया गया, उसके पास एक लाख से अधिक नकद रुपए बरामद हुए.

हर महीने लगभग 20 करोड़ की सप्लाई की योजना

एमडी ड्रग्स की फैक्ट्री के लिए मशीन महाराष्ट्र और गुजरात से लाई जा रही थी जबकि जरूरी केमिकल महाराष्ट्र के महाड़ इलाके से सप्लाई होना था. पहले जोधपुर के कुड़ी इलाके और बाद में बाड़मेर के सेड़वा इलाके में फैक्ट्री लगाने के प्रयास किए गए लेकिन दोनों ही बार पुलिस ने फैक्ट्री शुरू होने से पहले ही पकड़ ली. बाड़मेर की फैक्ट्री में हर तीन-चार दिन में 10 किलो MD तैयार करने का लक्ष्य था और पूरे राजस्थान में हर महीने लगभग 20 करोड़ की सप्लाई की योजना थी. इस दौरान विरोधी गैंग भी सक्रिय था, जिसने कमलेश की गतिविधियों की जानकारी ATS को दी और उसके संभावित ठिकानों की सूचना दी.

जैसलमेर के होटल से चल रहा था अवैध कारोबार

ATS के आईजी विकास कुमार ने बताया कि गैंग में रमेश फाइनेंस और कोऑर्डिनेशन का प्रभारी था. मांगीलाल फैक्ट्री हेड, बिरजू टेक्निकल और रिसर्च हेड, शिव ऑपरेशन चीफ, तीन राजू रॉ मटेरियल और प्लांट हेड और गणपत सिक्योरिटी हेड था, कमलेश खुद सेल्स और मार्केटिंग हेड था. कमलेश पहले मध्यप्रदेश के खरगौन इलाके से अवैध हथियार राजस्थान में सप्लाई करता था और महाराष्ट्र के पुणे में मादक पदार्थ के साथ भी पकड़ा जा चुका है. उसकी ये गतिविधिया उसके भाई सुरेश के सहयोग से चलती थीं. दोनों ने जैसलमेर में एक होटल भी खोला था जहां से उनका अवैध कारोबार संचालित होता था.

कौन है गैंग के सदस्य

ATS का कहना है कि कमलेश उर्फ कार्तिक को MD ड्रग्स की लत लग गई थी, उसने इस अवैध कारोबार में फायदा देख कर इसे व्यवसाय के रूप में शुरू किया. राजस्थान में MD ड्रग्स का काम करते हुए उसने रमेश और मांगीलाल को भी साथ लिया. कमलेश ने महाराष्ट्र में सभी गैंग सदस्यों को इकट्ठा कर बड़े पैमाने की योजना बनाई. गैंग के सदस्य आपस में रिश्तों में जुड़े थे राजू मांडा, रमेश और मांगीलाल साला-बहनोई हैं, जबकि कमलेश और सुरेश सगे भाई हैं. कमलेश का पुणे जेल में संपर्क बिरजू शुक्ला से हुआ था. कमलेश के साथी मांगीलाल और बिरजू पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. जबकि रमेश पर 1 लाख रुपए और राजू पर 40 हजार रुपए का इनाम घोषित है. उनके खिलाफ तीन अलग-अलग राज्यों में लगभग छह मामले दर्ज हैं.

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