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This Article is From Jan 23, 2020

अदालत ने बलात्कार के आरोप से शख्स को किया बरी, कहा- "महिला उस दिन आरोपी की पत्नी थी"

आरोपी के साथ शिकायतकर्ता पंजाब में रहती थी. इस दौरान उसे पता चला कि व्यक्ति चोरी के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है और जेल जा चुका है. इसके बाद वह उसे सूचना दिए बिना दिल्ली आ गई.

अदालत ने बलात्कार के आरोप से शख्स को किया बरी, कहा- "महिला उस दिन आरोपी की पत्नी थी"
अदालत ने व्यक्ति को बलात्कार के आरोप से बरी किया
नयी दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को बलात्कार के आरोप से यह कहते हुए बरी कर दिया कि जिस दिन आरोपी ने जबरन शारीरिक संबंध बनाए, उस दिन शिकायतकर्ता उसकी पत्नी थी.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उमेद सिंह ग्रेवाल ने कहा कि महिला ने व्यक्ति पर आरोप लगाया कि उसने पांच जुलाई 2016 को उससे बलात्कार किया, लेकिन इसे बलात्कार का मामला नहीं माना जा सकता क्योंकि वह ‘‘उस दिन आरोपी की पत्नी थी.''

अदालत ने व्यक्ति को बरी करते हुए कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि शिकायतकर्ता ने आरोपी से दो नवंबर 2015 या इससे पहले शादी की थी. उसकी खुद की दलील के अनुसार...आरोपी ने उससे पांच जुलाई 2016 को बलात्कार किया, लेकिन वह उस दिन उसकी पत्नी थी.''

आरोपी के साथ शिकायतकर्ता पंजाब में रहती थी. इस दौरान उसे पता चला कि व्यक्ति चोरी के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है और जेल जा चुका है. इसके बाद वह उसे सूचना दिए बिना दिल्ली आ गई.

बाद में व्यक्ति दिल्ली पहुंचा और महिला को विश्वास दिलाया कि वह अब सुधर जाएगा. इसके बाद दंपति ने साथ रहना शुरू कर दिया. इसके बाद आरोपी ने महिला के दो लाख रुपये चुरा लिए. पत्नी ने तब उसके साथ रहने से इनकार कर दिया.
महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि इसके बावजूद आरोपी उसके घर आता रहा और बार-बार जबरन शारीरिक संबंध बनाता रहा.

अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी ने जब शिकायतकर्ता से जबरन शारीरिक संबंध बनाए तो उस समय वह उसकी पत्नी थी और इसलिए बलात्कार का मामला नहीं बनता.''

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