दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने एक ऑनलाइन ट्रेडिंग एक्सचेंज के जरिए "ऑप्शन ट्रेडिंग" के नाम पर ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के गिरोह का भंडाफोड़ किया. गिरोह को दुबई की मैडम नाम की महिला चला रही है. इस नेटवर्क के मुख्य दफ्तर जम्मू और बेंगलुरु में स्थित हैं और इसके तार पूरे भारत में जुड़े है. इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट के डीसीपी प्रशांत गौतम के मुताबिक साइबर बदमाशों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो निवेश कराने के नाम पर हाई रिटर्न का लालच देकर लोगों के साथ ठगी करते थे.
रोहिणी के रहने वाले एक निवेशक की शिकायत पर इस मामले में एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उसने बताया कि एक ऑनलाइन ट्रेडिंग एक्सचेंज www.metaoptions.global के जरिए उसने "ऑप्शन ट्रेडिंग" के नाम पर 95 लाख रुपए निवेश किए. एक महिला ने उससे भारतीय संस्कृति के बारे में जानने के बहाने एक दोस्ती की और ऑनलाइन चैटिंग के दौरान उसने शिकायतकर्ता को अपने ऑनलाइन ट्रेडिंग के जाल में फंसा लिया. शुरू में उसे कुछ पैसा मिला लेकिन बाद में पैसा आना बंद हो गया.
इस मामले की जांच के दौरान, यह पता चला कि ठगा गया पैसा तीन बैंक खातों में गया. इसके बाद आरोपियों की पहचान रमन डोगरा, शक्ति मन्हास और कानव बामोत्रा के रूप में हुई, ये लोग दूसरे के बैंक खातों का इस्तेमाल कर ठगी के पैसे को रोटेट कर रहे थे. ये काम जम्मू , बेंगलुरु, नोएडा, प्रयागराज और पुणे से हो रहा था. रमन डोगरा, शक्ति मन्हास और कनव बामोत्रा की तिकड़ी का दूसरे राज्यों की पुलिस भी पीछा कर रही थी, इसलिए वे बार-बार अपना ठिकाना बदलकर अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए छिप रहे थे. हालांकि 29 मार्च को तकनीकी निगरानी के बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया कि अपराध का पूरा कारोबार दुबई की मैडम के नाम से जानी जाने वाली एक महिला द्वारा चलाया जा रहा है, जो भारत में गैंग के लोगों को इंटरनेट कॉलिंग ऐप के माध्यम से निर्देश देती है. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वे भारतीय लोगों के बारे में जानने के बहाने व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से भोले-भाले लोगों को लुभाते थे और उनसे मीठी-मीठी और निजी बातें करते थे और फिर उन्हें अच्छा मुनाफा कमाने के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग में भाग लेने के लिए प्रेरित करते थे. वे सामान्य निवेशक होने का ढोंग करते थे और इस तरह के ऑनलाइन ट्रेडिंग से अच्छा लाभ कमाने के अपने अनुभव को साझा करते थे. वे कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचने के लिए बार-बार ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप का नाम बदलते रहते थे.
ऐसे ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप अन्य देशों में मुख्य रूप से चीन में स्थित सर्वर पर होस्ट किए जाते हैं. गिरफ्तार तिकड़ी की निशानदेही पर एक संतोष एम को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया और एक सागर मोंडल जो मूल रूप से 24 परगना, पश्चिम बंगाल का रहने वाला है, लेकिन मुख्य रूप से प्रयागराज, यूपी से संचालित होता है, को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. जांच में पता चला है कि इन लोगों ने 3.25 करोड़ रुपए का लेनदेन किया है. यह भी पता चला है कि इसी गिरोह के कुछ सदस्यों को हाल ही में पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
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