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This Article is From Sep 01, 2021

ऑनलाइन गेम के नाम पर करोड़ों की ठगी, गाजियाबाद में सात गिरफ्तार

पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में मोबाइल, एटीएम कार्ड, पासबुक, चेक बुक, एक कार, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड सहित अन्य सरकारी कागजात बरामद किए

ऑनलाइन गेम के नाम पर करोड़ों की ठगी, गाजियाबाद में सात गिरफ्तार
गाजियाबाद पुलिस ने ठगी के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है (प्रतीकात्मक तस्वीर).
नई दिल्ली:

गाजियाबाद की कवि नगर पुलिस और साइबर सेल ने ऑनलाइन गेम के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उनके पास से भारी मात्रा में मोबाइल, एटीएम कार्ड, पासबुक, चेक बुक, एक कार, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड सहित अन्य सरकारी कागजात बरामद किए हैं. पुलिस ने बताया कि यह लोग बड़े ही शातिराना अंदाज में अपने अन्य फरार साथियों के साथ मिलकर ठगी का गिरोह चलाते हैं. गिरोह का सरगना विजेंद्र पांच साल से दुबई में रह रहा है. विजेंद्र से ही भारतीय लोगों को बल्क में मैसेज के द्वारा लिंक भेजकर पैसा कमाने का लालच देकर गेम ऐप डाउनलोड कराए जाते हैं. उसके बाद यहां रहने वाले उसके गुर्गे खाताधारकों के साथ मिलकर फर्जी उद्योग दिखाकर फर्जी पते पर करंट बैंक एकाउंट खुलवा लेते हैं. फर्जी आईडी भी एकाउंट को खुलवाने के लिए ये लोग तैयार कर लिया करते थे. 

आरोपी फर्जी करंट एकाउंट में पैसे डलवा लेते थे. विजेंद्र एक खाता देने पर इन्हें चार लाख रुपये दिया करता था. इतना ही नहीं अगर खाता सही काम कर रहा हो तो विजेंद्र इन्हें 5000 प्रतिदिन भी देता था. यह पैसा आरोपी खाताधारक के साथ मिलकर बांट लिया करते थे. उसमें सभी का हिस्सा होता था. जब तक पीड़ित व्यक्ति को अपने बैंक खाते से पैसे के लेनदेन का पता चलता था तब तक वह व्यक्ति लालच में आकर 50000 या उससे अधिक पैसे गेम में लगा देता था. 

पुलिस की मानें तो अब तक यह गिरोह तकरीबन 70 करंट एकाउंट खोल चुका है जिनमें से लगभग 100 करोड़ से अधिक का लेन देन दिख भी रहा है. करीब 56 लाख रुपये अलग-अलग खातों में फ्रीज कर दिया गया है जिनमें से 10 बैंक खातों की नोएडा, अंबाला, पानीपत में जांच की गई तो सभी पते फर्जी पाए गए. सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है. प्रत्येक बैंक खाते में लगभग प्रतिदिन 20 से 40 लाख का लेनदेन साफ तौर पर देखा जा सकता है. 

एक पीड़ित की शिकायत के बाद जब पुलिस और साइबर सेल इस मामले की जांच में लगी तो गिरोह का भंडाफोड़ हुआ. पुलिस ने इस गिरोह के सात सदस्य गुरिंदर, सुमित, निखिल, साहिल,  सुभाष, प्रदीप एवं हरविंदर को गिरफ्तार किया है. उनके फरार साथियों की भी तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है. पुलिस अब दुबई में बैठे इनके सरगना को पकड़ने के लिए इंटरपोल से मदद लेने की योजना भी बना रही है.

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