नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह अमेरिका में जर्म सेल कैंसर का सफल इलाज करवाकर सोमवार सुबह स्वदेश लौट आए। हवाई अड्डे और गुड़गांव स्थित युवराज के घर पर बड़ी संख्या में प्रशंसकों ने अपने चहेते खिलाड़ी का दीदार किया।
बोस्टन में इलाज के बाद युवराज कुछ समय से लंदन में आराम कर रहे थे। लंदन प्रवास के दौरान ही युवराज की सचिन तेंदुलकर से मुलाकात हुई थी, जो अपनी चोट के इलाज के लिए वहां पहुंचे थे।
युवराज की झलक पाने के लिए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उनके प्रशंसकों ने घंटों इंतजार किया। हवाईअड्डे पर युवराज ने अपनी मां शबनम सिंह के साथ फोटो खिंचवाया और उसके बाद सीधे अपने निवास स्थान गुड़गांव के लिए रवाना हो गए।
गुड़गांव स्थित घर पहुंचकर युवराज ने छत पर खड़े होकर प्रशंसकों का अभिवादन किया। इस मौके पर युवराज ने कहा कि वह स्वस्थ हैं। युवराज ने कहा, "मैं घर लौटकर खुश हूं। मैं तेजी से पूरी तरह स्वस्थ होने की ओर बढ़ रहा हूं।"
2011 आईसीसी विश्व कप के हीरो रहे युवराज की मां शबनम सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि युवराज पूरी तरह ठीक हैं।
शबनम ने कहा, "युवराज ठीक हैं। उन्होंने 10-15 दिनों तक आराम किया है। तीन महीने के बाद युवराज को एक बार फिर अपने डॉक्टर से मिलना है। युवी ने कैंसर के साथ लम्बी लड़ाई लड़ी है। हम प्रशंसकों के सहयोग और शुभकामनाओं के लिए शुक्रगुजार हैं।"
युवराज के पिता योगराज सिंह ने एक निजी टेलीविजन चैनल से कहा, "युवराज ठीक हैं और मुझे आशा है कि हम उन्हें क्रिकेट मैदान पर जल्द देखेंगे।"
युवराज ने बोस्टन इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च में जनवरी से मार्च के बीच तीन चरण में कीमोथैरेपी कराई। 30 वर्षीय युवराज को पिछले महीने अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। युवराज इस वर्ष जनवरी के अंतिम सप्ताह में इलाज के लिए अमेरिका गए थे।
युवराज का इलाज उसी अस्पताल में चल रहा था जिस अस्पताल में सात बार के टूर डी फ्रांस जीतने वाले अमेरिकी साइकिल चालक लांस आर्म्सट्रांग ने अपने कैंसर का इलाज कराया था।
इलाज के दौरान ही भारतीय टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुम्बले बोस्टन में युवराज से मिले थे। आर्म्सट्रांग के संदेश और कुम्बले से मुलाकात के बाद युवराज ने ट्वीट किया था कि इन दो महान खेल हस्तियों ने उनके अंदर ताकत का संचार किया है।
युवराज की स्वदेश वापसी के बाद आर्म्सट्रांग ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा, "युवराज मैं लांस आर्म्सट्रांग, स्वदेश वापसी पर तुम्हें बधाई देता हूं। तुम्हारे चाहने वालों की संख्या बहुत बड़ी है। मैं यह देखकर खुश हूं कि तुम अब स्वस्थ हो। शानदार जीवन जियो और कभी पीछे मुड़कर मत देखना। मजबूत बनकर जीयो दोस्त।"
बोस्टन में इलाज के बाद युवराज कुछ समय से लंदन में आराम कर रहे थे। लंदन प्रवास के दौरान ही युवराज की सचिन तेंदुलकर से मुलाकात हुई थी, जो अपनी चोट के इलाज के लिए वहां पहुंचे थे।
युवराज की झलक पाने के लिए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उनके प्रशंसकों ने घंटों इंतजार किया। हवाईअड्डे पर युवराज ने अपनी मां शबनम सिंह के साथ फोटो खिंचवाया और उसके बाद सीधे अपने निवास स्थान गुड़गांव के लिए रवाना हो गए।
गुड़गांव स्थित घर पहुंचकर युवराज ने छत पर खड़े होकर प्रशंसकों का अभिवादन किया। इस मौके पर युवराज ने कहा कि वह स्वस्थ हैं। युवराज ने कहा, "मैं घर लौटकर खुश हूं। मैं तेजी से पूरी तरह स्वस्थ होने की ओर बढ़ रहा हूं।"
2011 आईसीसी विश्व कप के हीरो रहे युवराज की मां शबनम सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि युवराज पूरी तरह ठीक हैं।
शबनम ने कहा, "युवराज ठीक हैं। उन्होंने 10-15 दिनों तक आराम किया है। तीन महीने के बाद युवराज को एक बार फिर अपने डॉक्टर से मिलना है। युवी ने कैंसर के साथ लम्बी लड़ाई लड़ी है। हम प्रशंसकों के सहयोग और शुभकामनाओं के लिए शुक्रगुजार हैं।"
युवराज के पिता योगराज सिंह ने एक निजी टेलीविजन चैनल से कहा, "युवराज ठीक हैं और मुझे आशा है कि हम उन्हें क्रिकेट मैदान पर जल्द देखेंगे।"
युवराज ने बोस्टन इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च में जनवरी से मार्च के बीच तीन चरण में कीमोथैरेपी कराई। 30 वर्षीय युवराज को पिछले महीने अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। युवराज इस वर्ष जनवरी के अंतिम सप्ताह में इलाज के लिए अमेरिका गए थे।
युवराज का इलाज उसी अस्पताल में चल रहा था जिस अस्पताल में सात बार के टूर डी फ्रांस जीतने वाले अमेरिकी साइकिल चालक लांस आर्म्सट्रांग ने अपने कैंसर का इलाज कराया था।
इलाज के दौरान ही भारतीय टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुम्बले बोस्टन में युवराज से मिले थे। आर्म्सट्रांग के संदेश और कुम्बले से मुलाकात के बाद युवराज ने ट्वीट किया था कि इन दो महान खेल हस्तियों ने उनके अंदर ताकत का संचार किया है।
युवराज की स्वदेश वापसी के बाद आर्म्सट्रांग ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा, "युवराज मैं लांस आर्म्सट्रांग, स्वदेश वापसी पर तुम्हें बधाई देता हूं। तुम्हारे चाहने वालों की संख्या बहुत बड़ी है। मैं यह देखकर खुश हूं कि तुम अब स्वस्थ हो। शानदार जीवन जियो और कभी पीछे मुड़कर मत देखना। मजबूत बनकर जीयो दोस्त।"
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